Home Uncategorized छात्रों को सांस्कृतिक विविधता से परिचित कराने, उनकी सामाजिक सामर्थ्य को विकसित करने एवं साहित्य, कला, संगीत और नृत्य के प्रति रुचि और उत्साह बढ़ाने के उद्देश्य से जवाहर विद्या मंदिर श्यामली के दयानंद सभागार में कक्षा तीसरी से पाँचवीं तक के बच्चों का रंगारंग कार्यक्रम कैलीडोस्कोप-2024 का आयोजन हुआ।

छात्रों को सांस्कृतिक विविधता से परिचित कराने, उनकी सामाजिक सामर्थ्य को विकसित करने एवं साहित्य, कला, संगीत और नृत्य के प्रति रुचि और उत्साह बढ़ाने के उद्देश्य से जवाहर विद्या मंदिर श्यामली के दयानंद सभागार में कक्षा तीसरी से पाँचवीं तक के बच्चों का रंगारंग कार्यक्रम कैलीडोस्कोप-2024 का आयोजन हुआ।

by anmoladmin

Anmol24News -Ranchi छात्रों को सांस्कृतिक विविधता से परिचित कराने, उनकी सामाजिक सामर्थ्य को विकसित करने एवं साहित्य, कला, संगीत और नृत्य के प्रति रुचि और उत्साह बढ़ाने के उद्देश्य से जवाहर विद्या मंदिर श्यामली के दयानंद सभागार में कक्षा तीसरी से पाँचवीं तक के बच्चों का रंगारंग कार्यक्रम कैलीडोस्कोप-2024 का आयोजन हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि मेकॉन के मुख्य कार्यकारी निदेशक श्री संजय कुमार वर्मा, विद्यालय प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष श्री संदीप सिन्हा, विशिष्ट अतिथि व प्रख्यात कलाकार श्री हरेन ठाकुर, मेकॉन के सीजीएम इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रमुख श्री आर एस रमन एवं प्राचार्य श्री समरजीत जाना के करकमलों द्वारा सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
नन्हें-मुन्हों की मनमोहक प्रस्तुति जगन्नाथ अष्टकम और उस पर आधारित मनमोहक नृत्य ने वातावरण को पूरी तरह से स्वामी जगन्नाथ के आध्यात्मिक रंग में रंग दिया।

संगीत और नृत्य द्वारा राग मलहार की प्रस्तुति और सामूहिक नृत्य ने वातावरण को पूरी तरह से मनमोहक और आकर्षक बना दिया। ऐसा लग रहा था मानो बादल वर्षा करने के लिए बेचैन हो गए हैं।

अधिक लालच करने से अपने ही कर्मों द्वारा स्वयं का नष्ट होना तथा शासन के तले पिसती निरीह जनता की दुर्दशा का जीवंत चित्रण करती हास्य प्रहसन ‘अंधेरे नगरी, चौपट राजा’ के मंचन ने दर्शकों को हँसने और सोचने पर मजबूर कर दिया और उपस्थित प्रबुद्ध वर्ग को तालियाँ बजाने पर विवश कर दिया।

विद्यालय के गायन मंडली ने मनमोहक गीतावली प्रस्तुत की। अब बारी आई नृत्य नाटिका दस्तान-ए- बगदाद की। यह नाटिका अलीबाबा और 40 चोर से संबंधित थी। यह प्रस्तुति बहुत ही अद्भुत थी। इस कार्यक्रम में यह दिखलाने का सफल प्रयास किया गया कि अली जैसा नेक दिल और नियत साफ इंसान हमेशा अपने मंसूबे में कामयाब होता है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री हरेन ठाकुर, श्री संदीप सिन्हा एवं श्री संजय कुमार वर्मा को मंच पर पुष्प-गुच्छ व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।

प्राचार्य श्री समरजीत जाना ने कहा कि विद्यालय केलाइडोस्कोप की तरह होता है जहाँ शब्दों, रंग-रूपों, गतिविधियों, क्रियाकलापों, डाँट-फटकार और प्यार से छात्र के जीवन में संस्कार, विचार और कर्म और जानकारी का खजाना भरा जाता है। छात्र एस्थेटिक सेंस के बिना यंत्र की तरह हैं। भारतीय कला और विविध संस्कृति का विकास तभी संभव है जब शिक्षकों के साथ माता-पिता का भी सहयोग और सहभागिता मिले।

विशिष्ट अतिथि श्री हरेन ठाकुर ने बच्चों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम की काफी प्रशंसा की।

विद्यालय प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष श्री संदीप सिन्हा जी ने अपने संबोधन में कहा किबच्चों द्वारा प्रस्तुत अद्भुत प्रस्तुति से आज की संध्या काफी यादगार बन गई है। ऐसे कार्यक्रम बच्चों के सर्वांगीण विकास में बेहद सहायक होते हैं।

मुख्य अतिथि श्री संजय कुमार वर्मा ने बच्चों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि इतने छोटे बच्चों का यह कार्यक्रम बहुत ही सराहनीय रहा।

इस मौके पर श्रीमती सोनी वर्मा, श्रीमती ज्योति सिन्हा, श्रीमती शर्मिला ठाकुर, श्रीमती विदिशा जाना, उप प्राचार्य श्री बी एन झा और श्री संजय कुमार, प्रभाग प्रभारी श्रीमती लिपिका कर्मकार, श्री दीपक सिन्हा, छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष श्री अमित रॉय, कार्यक्रम समन्वयिका श्रीमती सुष्मिता मिश्रा, वरीय शिक्षक डॉ मोती प्रसाद आदि समेत प्राथमिक कक्षा के तमाम शिक्षक-शिक्षिकाएँ मौजूद थे।

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