Anmol24news-पटना पुस्तक मेला में आज सुप्रसिद्ध पत्रकार और लेखक अरुण सिंह की पुस्तक पटना भूले हुए क़िस्से का लोकार्पण हुआ. वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का लोकार्पण इतिहासकार इम्त्याज अहमद, कथाकार सन्तोष दीक्षित, कवि डॉक्टर विनय कुमार, प्रो सुबोध मालाकर,रंगकर्मी अनीश अंकुर द्वारा किया गया. अतिथियों का स्वागत वाणी प्रकाशन की संपादक अदिति माहेश्वरी ने किया
सन्तोष दीक्षित ने कहा कि शहर बनता है लोगों से और उनके क़िस्सों से। यह किताब शहर के दिल की धड़कन है। मेगस्थनीज़ ने भी पटना पर किताब लिखी थी। इस शहर की चर्चा यूरोप तक हुई थी. इस किताब से आप पटना के वैभव और इतिहास को जान सकते हैं.
ईम्तियाज़ अहमद ने बताया कि सौ साल पहले शाद अजीमाबादी ने भी पटना पर एक किताब लिखी थी। आज फिर से अरुण सिंह ने उन किस्सो को ताज़ा कर दिया। अब उर्दू को जानने वाले कम हो गए हैं। अरुण जी हिंदी में पटना के इतिहास को सामने ला रहे हैं। इसलिए भी यह किताब महत्वपूर्ण हो जाती है। इस किताब पटना के लोगों के क़िस्से हैं।
डॉ विनय कुमार ने कहा कि अरुण सिंह ने कई अनसुने किस्सो को कहने की कोशिश की है। यह किताब मोहब्बत दास्तान है।
प्रो सुबोध मालाकार ने कहा कि यह किताब पटना के विहंगम दृश्य दिखाता है।
अनीश अंकुर ने कहा कि यह एक दिलचस्प किताब है। यह किताब अपने शहर पटना को जानने के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं. कार्यक्रम का संचालन सुशील कुमार ने किया . मौक़े पर राजेश कमल , देवरत्न प्रसाद, अंचित, शिरीष पाठक, शगुफ्ता रसीद, रवीन्द्रनाथ रॉय आदि मौजूद थे।