Anmol24news-Patna माननीय प्रधानमंत्री के मिशन कर्मयोगी पहल के तहतए जो कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के अंतर्गत संचालित होती हैए 7 अक्टूबर 2024 को क्षमता निर्माण आयोग (CBC), कर्मयोगी भारत (च्टद्धए और बिहार लोक प्रशासन और ग्रामीण विकास संस्थान (BIPARD) के बीच एक समझौता ज्ञापन (डवन्द्ध पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते का उद्देश्य बिहार में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की क्षमताओं को सुदृढ करना है ताकि सभी लोक सेवक नियमाधारित (Rule Based) से भूमिकाधारित (त्वसम ठेंमक) बन सकें। यह iGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जाएगाए जो सरकारी सेवकों को सशक्त बनाने के लिए एक प्रमुख डिजिटल पहल है।
मुख्य बिंदु——
बिहार के सरकारी अधिकारियों की सक्रिय भागीदारीः
बिहार के सरकारी अधिकारी iGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध विभिन्न ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। अब तक 20 MDO एडमिन सफलतापूर्वक पंजीकृत हो चुके हैंए और कुल 2,42,053 कर्मयोगियों का प्लेटफ़ॉर्म पर ऑनबोर्डिंग किया गया है। इसके परिणामस्वरूप 31,368 पाठ्यक्रम नामांकन दर्ज किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि 23,724 पाठ्यक्रम पूर्णता और प्रमाणपत्र प्राप्ति की रिपोर्ट की गई है जो अधिकारियों की व्यवसायिक कौशल को बढ़ाने की प्रतिबद्धता और मजबूत भागीदारी को दर्शाता है।
उपलब्ध पाठ्यक्रमः—
इस प्लेटफ़ॉर्म पर प्रशासनिक और शासन कौशल को सुधारने के लिए विविध पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। समावेशिता और सुगम्यता सुनिश्चित करने के लिएए ये पाठ्यक्रम हिंदी में भी उपलब्ध कराए गए हैं। ठप्थ्थत्व ने मिशन कर्मयोगी प्लेटफ़ॉर्म के 25 पाठ्यक्रम मॉड्यूल को पूरी तरह से हिंदी में रूपांतरित किया है जिसमें हिंदी वॉयस ओवर और सबटाइटल शामिल हैं। इससे इन पाठ्यक्रमों की पहुंच बिहार और अन्य क्षेत्रों में व्यापक दर्शकों तक हो गई है।
कौशल विकास के लिए निरंतर प्रयासः–
इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर क्षमता निर्माण आयोगए कर्मयोगी भारतए और बिहार सरकार के बीच एक दीर्घकालिक साझेदारी की शुरुआत का प्रतीक है। यह सहयोग बिहार के सिविल सेवकों के लिए सतत सीखने और कौशल वृधि को प्रोत्साहित करेगाए जो अंततः बेहतर जनसेवा सुनिश्चित करेगा। मिशन कर्मयोगी पहल के तहत डिजिटल प्रशिक्षण कार्यक्रम सरकार की एक अधिक कुशल उत्तरदायी और कुशल कार्यबल को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता के साथ मेल खाते हैं जिससे भारत के नागरिकों को बेहतर शासन और सेवाओं की बेहतर डिलीवरी हो सके।