Anmol24news-पटना जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभागार में पीसी-पीएनडीटी एक्ट के अनुपालन, आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन तथा क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। अधिकारियों को सरकार के दिशा-निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।
सिविल सर्जन, पटना द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि जिला में कुल 952 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्र पंजीकृत हैं। इसमें से 634 केन्द्रों का संचालन हो रहा है तथा 318 बंद है। डीएम डॉ. सिंह ने सिविल सर्जन को निदेश दिया कि बंद अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों की सूची प्रखंडवार एवं अनुमंडलवार उपलब्ध कराएं। सभी अनुमंडल पदाधिकारियों द्वारा इसकी नियमित जाँच की जाएगी कि इसका अवैध रूप से संचालन तो नहीं हो रहा है। जिलाधिकारी ने उप विकास आयुक्त, पटना को भी निदेश दिया कि संचालित 634 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों का भी अनुमंडल पदाधिकारियों तथा अन्य पदाधिकारियों द्वारा नियमित तौर पर जाँच कराएं तथा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित नहीं करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई के लिए प्रस्ताव उपस्थापित करें। सिविल सर्जन ने बताया कि दिनांक 16.08.2023 से अल्ट्रासाउण्ड का 118 नया निबंधन किया गया है तथा नवीनीकरण हेतु प्राप्त 104 आवेदनों को निष्पादित किया गया है। वर्तमान समय में पीसी-पीएनडीटी पोर्टल पर 10 आवेदन नया निबंधन हेतु सिविल सर्जन कार्यालय को प्राप्त है। साथ ही कुल 06 आवेदन नवीनीकरण हेतु कार्यालय को प्राप्त हुआ है। नए निबंधन हेतु प्राप्त 10 आवेदनों में 04 का निष्पादन प्रक्रियाधीन है। 06 आवेदनों में त्रुटि थी जिसे अस्वीकृत किया गया है। नवीनीकरण हेतु प्राप्त 06 आवेदनों में 01 का निष्पादन प्रक्रियाधीन है। 05 आवेदनों में त्रुटि होने के कारण अस्वीकृत किया गया है। सिविल सर्जन ने बताया कि सभी आवेदनों को चेकलिस्ट के अनुसार जाँच कर निष्पादन किया जाता है। इन मानकों में ऑनलाईन अप्लाई किया जाना, अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों के संचालन हेतु आवश्यक योग्यता, अल्ट्रासाउण्ड मशीन के क्रय संबंधी कोटेशन, रजिस्टर्ड मैप, शपथ-पत्र, चिकित्सक का सहमति पत्र, ओनर का फोटोग्राफ, डॉक्टर का फोटोग्राफ, होल्डिंग टैक्स रसीद/किराया अनुबंध इत्यादि है। जिलाधिकारी ने प्राप्त आवेदनों का विहित समय-सीमा के अंदर नियमानुसार निष्पादन सुनिश्चित करने का निदेश दिया। उन्होंने विभागीय दिशा-निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पीसी-पीएनडीटी एक्ट का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स सजग, तत्पर तथा प्रतिबद्ध रहें।
इसके बाद जिलाधिकारी द्वारा आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया। सिविल सर्जन द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि कुल इम्पैनल्ड अस्पतालों की संख्या 140 है जिसमें निजी अस्पतालों की संख्या 102 तथा सार्वजनिक अस्पतालों की संख्या 38 है। जिला-स्तर पर सत्यापन हेतु आवेदन प्राप्त कुल अस्पतालों की संख्या 28 है जिसमें 20 का सत्यापन कर लिया गया है। आयुष्मान कार्ड हेतु कुल योग्य परिवारों की संख्या 8,81,451 है। कुल आच्छादित परिवारों की संख्या 7,92,445 (90 प्रतिशत) है। कुल योग्य लाभुकों की संख्या 41,75,309 है जिसके विरूद्ध 18,51,402 लाभुकों को आच्छादित किया गया है। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत उपचार किए गए लाभुको की संख्या 2,52,573 है जिसमें निजी अस्पतालों में उपचार किए गए लाभुको की संख्या 1,73,782 तथा सार्वजनिक अस्पतालों में उपचार किए गए लाभुको की संख्या 78,791 है। जिलाधिकारी ने उप विकास आयुक्त को सरकार के निदेशों के अनुसार 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों तथा आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना अन्तर्गत लाभार्थियों के लिए कार्ड निर्गत करने हेतु 20 नवम्बर से 10 दिसम्बर तक विशेष अभियान का सफलतापूर्वक आयोजन सुनिश्चित कराने का निदेश दिया। विहित प्रक्रिया का अनुपालन करते हुए शत-प्रतिशत योग्य लाभुकों के लिए आयुष्मान कार्ड बनाने का निदेश दिया गया।
इसके पश्चात जिलाधिकारी द्वारा क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट (नैदानिक स्थापना अधिनियम) के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई तथा अद्यतन स्थिति का जायजा लिया गया। नए निबंधन एवं नवीनीकरण में प्रक्रिया के अनुपालन की समीक्षा की गई। सिविल सर्जन द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि ज़िले में कुल निबंधित स्वास्थ्य संस्थानों की संख्या 1,121 है जिसमें 1,103 कार्यरत है तथा 18 बंद है।
नवीनीकरण हेतु 298 आवेदन प्राप्त हुआ है जिसमें 206 आवेदनों का निष्पादन कर औपबंधिक प्रमाण-पत्र निर्गत किया गया है। 92 आवेदनों में त्रुटि थी जिसके निराकरण हेतु आवेदनकर्ताओं को वापस लौटाया गया है। नए निबंधन हेतु 120 आवेदन प्राप्त हुआ है जिसमें 42 आवेदनों का निष्पादन कर औपबंधिक प्रमाण-पत्र निर्गत किया गया है। 34 का निष्पादन प्रक्रियाधीन है। 44 आवेदनों में त्रुटि थी जिसके निराकरण हेतु आवेदनकर्ताओं को वापस लौटाया गया है। सिविल सर्जन ने बताया कि सभी आवेदनों को चेकलिस्ट के अनुसार जाँच कर निष्पादन किया जाता है। जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को निदेश दिया कि प्रावधानों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करते हुए क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट का क्रियान्वयन किया जाए। नए निबंधन एवं नवीनीकरण हेतु प्राप्त आवेदनों को विहित प्रक्रिया का अनुपालन करते हुए निर्धारित समय-सीमा के अंदर निष्पादित करने का निदेश दिया गया। अग्निशमन, प्रदूषण, बायोमेडिकल वेस्ट के निष्पादन के संबंध में निर्धारित मापदंडो का अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।