Home Patna देश रत्न कॉन्क्लेव’ का उद्देश्य उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाना : डॉ. दिलीप जायसावल

देश रत्न कॉन्क्लेव’ का उद्देश्य उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाना : डॉ. दिलीप जायसावल

by anmoladmin

Amol24news-पटना  देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी की जयंती समारोह के शुभ अवसर पर आयोजित ‘देशरत्न कॉन्क्लेव’ का उद्घाटन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने किया।

पटना के ज्ञान भवन में आयोजित इस कॉन्क्लेव में देश के प्रतिष्ठित विद्वान, राजनीतिक विशेषज्ञ और समाजसेवी उपस्थित होकर देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद के जीवन, आदर्शों, और उनके योगदान पर अपने विचार साझा करेंगे।

इस अवसर पर डॉ. दिलीप जायसवाल जी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और हमारे संविधान निर्माण के महानायक थे। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर हमें राष्ट्र निर्माण के प्रति अपना समर्पण और अधिक मजबूत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि  हमसभी के लिए राजेन्द्र प्रसाद के जीवन का आदर्श सदैव प्रेरणादायी रहेगा।

भाजपा अध्यक्ष डॉ. जायसवाल ने कहा, ‘‘वह साधारण दिखते थे, लेकिन वह एक महान व्यक्ति थे। वह एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी, अंतरिम सरकार में मंत्री और कांग्रेस तथा संविधान सभा के अध्यक्ष थे। उस दौर के सभी प्रमुख गांधीवादियों ने कहा कि वह गांधी के एकमात्र सच्चे उत्तराधिकारी थे।’’

उन्होंने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद  स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में आजादी के आंदोलन में एक अनुयायी के रूप में शामिल हुए और पूरे आंदोलन को पग-पग पर अपना नेतृत्व प्रदान किया। वहीं स्वतंत्र भारत के लिए डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में ही संविधान का निर्माण किया गया। वह देश की आजादी की लड़ाई के अग्रिम योद्धा के साथ स्वतंत्र भारत की व्यवस्था के भी सूत्रधार थे। उनके इन कार्यों के चलते वे आज भी स्मरणीय हैं।

उन्होंने  कहा कि वे भारतीय संस्कृति और परंपरा के प्रबल पक्षधर थे। सही अर्थों में तत्कालीन सरकार के विरोध के बावजूद सोमनाथ मंदिर के पनुरोद्धार कार्यक्रम में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भाग लिया।

‘देश रत्न कॉन्क्लेव’ की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से महान विभूतियों को समझने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाना है। उन्होंने प्रदेश और देश के विभिन्न कोनों से आये प्रतिष्ठित विद्वानों, समाजसेवियों का पटना की धरती पर स्वागत किया।

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