पीएम मोदी के रहते एससी, एसटी और ओबीसी के हितों की नहीं हो सकती अनदेखी- सम्राट

Anmol24news-पटना 20-08-2024 उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने  लेटरल एंट्री के तहत बहाली के लिए केंद्रीय लोकसेवा आयोग द्वारा निकाले गए विज्ञापन को वापस कराने की पहल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि यह एक साहसिक निर्णय है। उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी के रहते एससी, एसटी और ओबीसी के हितों की कोई अनदेखी नहीं कर सकता है।

श्री चौधरी ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में लेटरल एंट्री के माध्यम से सीधी बहाली की अवधारणा बनाई गई थी, जिसमें आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं था। दरअसल कांग्रेस तो शुरू से ही अनुसूचित जाति/जनजाति व  ओबीसी के आरक्षण का विरोधी रही है। प्रधानमंत्री रहते हुए जवाहर लाल नेहरू ने 1961 में और राजीव गांधी ने विपक्ष का नेता रहते हुए लोकसभा में ओबीसी आरक्षण का विरोध किया था। लेटरल एंट्री सभी के लिए खुली है। सभी वर्ग के लोग अप्लाय करते हैं। क्या जब कांग्रेस की सरकार लेटरल एंट्री के माध्यम से भर्ती कर रही थी, तो उसमें आरक्षण की व्यवस्था थी?

उन्होंने कहा कि अचानक कांग्रेस सहित राजद व अन्य विपक्षी पार्टियों का ओबीसी के प्रति प्रेम उमड़ आया है। वे एससी, एसटीऔर ओबीसी के छात्रों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष झूठ फैलाकर लोगों में जातीय उन्माद पैदा करने का प्रयास कर रहा है, जिस पर मोदी ने पानी फेर दिया है। विपक्ष यूपीएसी जैसी संस्थाओं की छवि खराब करने की भी कोशिश कर रहा है।

श्री चौधरी ने कहा है कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को लेटरल एंट्री के जरिए ही 1976 में फाइनेंस सेक्रेटरी, मोंटेक सिंह अहलूवालिया को योजना आयोग का उपाध्यक्ष और सोनिया गांधी को नेशनल एडवाइजरी काउंसिल का चीफ बनाया गया था। तब कांग्रेस को आरक्षण की याद क्यों नहीं आई?

उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेटरल एंट्री के जरिए होने वाली सीधी नियुक्ति के हालिया विज्ञापन को वापस करा कर यह स्पष्ट कर दिया है कि उनके रहते एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को कोई छू भी नहीं सकता है। संविधान प्रदत्त आरक्षण को सुनिश्चित रखना केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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