Anmol24news-पटना 11 सितम्बर 2024 आज संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये मुख्य प्रवक्ता सह स0वि0प0, श्री नीरज कुमार, प्रदेष प्रवक्ता श्रीमती अंजुम आरा एवं श्री मनीष यादव ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी यादव ने दिनांक 05 सितम्बर 2024 को बिहार में घटित हालीये घटना पर ट्वीट किया था जिससे यह साफ मालूम होता है कि अल्पज्ञानी बबुआ को ना तो बिहार का भुगोल का ज्ञान है और ना ही घटना की। ट्वीटर पर केवल ट्वीट-ट्वीट खेलने की आदत पड़ गई है ट्वीटर बबुआ को। हमारी पार्टी का ट्वीटर बबुआ को सलाह है कि ज्यादा ट्वीट-ट्वीट न खेलें, इससे उन्हें नजर दोष की बिमारी बढ़ जाने का खतरा है।
उन्होंने अपने आरोप संख्या-75 में सौरबाजार को खगड़िया में बताया, जबकि सौरबाजार, खगड़िया में नहीं बल्कि सहरसा जिला में स्थित है। उसी प्रकार आरोप संख्या-86 को प्क्ठप् बैंक में 19 लाख की लूट के मामले को हाजीपुर, वैषाली का बताया लेकिन इसका हाजीपुर, वैषाली से कोई संबंध नहीं है।
ट्वीटर बबुआ ने आरोप संख्या-01 पर अंकित घटना का पुनः क्रम संख्या-19 में जिक्र किया, इतना ही नहीं वही गलती दुबारा क्रम संख्या 11, 15 और 33 में भी एक ही घटना को तीन तरह से पेष कर किया।
आरोप संख्या-44 की घटना वर्ष 2023 की है जिसमें समस्तीपुर में पूर्व वार्ड सदस्य को अपराधियों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसमें लिप्त सभी अपराधियों को जेल भेजा जा चुका है। लेकिन बबुआ तेज-तर्रार होने के साथ ही इतने होषियार हैं कि इन्होंने 2023 में हुये घटना को भी 2024 की घटना बताने से नहीं चुक रहे हैं।
ट्वीटर बबुआ ने आरोप संख्या-96 में कहा कि महुआ, वैषाली में रजिस्ट्री आॅफिस के पास अपराधियों ने 5 लाख लुटे। जबकि पूर्व के षिकायतकर्ता की पत्नी के अभियुक्त रहने के कारण मार-पीट की घटना को बढ़ा-चढ़ा कर लुट का मुकदमा दर्ज कराने के लिए झुठा प्रयास किया गया, इस संदर्भ में आवेदक द्वारा आवेदन भी नहीं दिया गया है।
नेता प्रतिपक्ष द्वारा लगातार कहा जा रहा है कि बिहार में अपराध का ग्राफ बढ़ा है। जबकि छब्त्ठ द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिवेदित कुल संज्ञेय अपराध के आॅंकड़ों में प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर – राष्ट्रीय स्तर पर संज्ञेय अपराध की दर 422.2 है। वहीं बिहार में कुल संज्ञेय अपराध की दर 277.1 है, जबकि केरल में 1274.8 एवं तमिलनाडू में 617.2 है। सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेषों में प्रतिवेदित संज्ञेय अपराध दर की तुलना में बिहार में अपराध दर काफी कम है तथा बिहार राज्य का स्थान 19वाॅं है।
नेता प्रतिपक्ष को इस बात का भी ज्ञान होना जरूरी है कि सारण जिला के रसुलपुर थानान्तर्गत धानाडीह गाॅंव में काण्ड संख्या-133/24, दिनांक-17 जुलाई 2024 को ग्रामीण श्री तारकेष्वर सिंह के घर के छत पर 03 लोगों की धारदार हथियार से हुई हत्या के दोनों आरोपियों को 01 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजने के साथ ही 50 दिनों के अन्दर स्पीडी ट्राॅयल के माध्यम से दोषी करार दिया गया। ‘‘देष में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी अपराधी को इस बी0एन0एस0 (भारतीय न्याय संहिता) जैसे नये कानून के तहत 50 दिनों के अन्दर सजा दिया गया हो।’’
मालूम हो संज्ञेय अपराध को दो श्रेणी में बांटा गया है प्च्ब् (भारतीय दंड संहिता) और ैस्स् (विषेष एवं स्थानीय कानून)। ैस्स् (विषेष एवं स्थानीय कानून)-इसी कानून के तहत बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। जो प्च्ब् (भारतीय दंड संहिता) में नहीं आता है। नेता प्रतिपक्ष को अगर यह समझ में आ गया हो तो ठीक है नहीं तो इससे संबंधित किताब का मूल्य 1495/- रूपया है अगर वे इसका अध्ययन करना चाहेंगे तो जदयू वह किताब उन्हें उपहार स्वरूप दे देगी।
नेता प्रतिपक्ष द्वारा लगातार लगाये जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं। अपने कार्यकर्ता संवाद यात्रा पर ये खुद आधी रात को निकलते हैं तो रास्ते में आम-जनता पटना के मरीन ड्राईव पर सड़क किनारे आईसक्रीम खाते नजर आये की नहीं। उनके द्वारा इस तरह के अनर्गल प्रलाप से बिहार की जनता भ्रम में नहीं आने वाली है।