Anmol24News मधेपुरा : बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा अंतर्गत अनुदानित डिग्री कालेज शिक्षक – शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघर्ष मोर्चा ने बुधवार को श्री कृष्ण मंदिर गौशाला परिसर में एक बैठक आयोजित की। बैठक में सर्वसम्मति से अनुदान के बदले वेतनमान की मांग को लेकर कालेजों में वर्गकक्ष बहिष्कार का निर्णय लिया। बैठक में आंदोलन की रणनीति भी तय की गई। आयोजित बैठक में विश्वविद्यालय अंतर्गत विभिन्न अनुदानित डिग्री कालेजों के शिक्षक उपस्थित होकर अपने अपने विचार ब्यक्त किये। बैठक की अध्यक्षता मोर्चा के अध्यक्ष प्रो. मनोज भटनागर ने की।बैठक में मधेपुरा कालेज मधेपुरा,आदर्श कालेज घैलाड़, बनवारी शंकर कालेज सिमराहा सहरसा, के एनडी कालेज राघोपूर, आर पीएम कालेज तुनियाही, मधेपुरा, डिग्री कालेज सुपौल, एलएन सी कालेज बनगांव सहरसा,एएल वाई कालेज त्रिवेणीगंज सुपौल, सीएम साईंस कालेज मधेपुरा एवं एसएकेएनडी कालेज पथराहा मधेपुरा के शिक्षकों ने उपस्थिति दर्ज कराकर आंदोलन की रूपरेखा तय की। बैठक में आदर्श कालेज घैलाड़ के वरीय शिक्षक प्रो. बिजेन्द्र नारायण यादव ने विचार ब्यक्त करते कहा कि आंदोलन करने के बाद ही राज्य सरकान द्वारा कालेजों को छात्र उत्तीर्णता के आधार पर अनुदान देने की शुरूआत की गई। ऐसे में मजबूती से आंदोलन करने पर वित्तरहित कर्मियों को वेतनमान का लाभ भी अवश्य ही मिलेगा। जरूरत है कुशल रणनीति के तहत आंदोलन करने की। डिग्री कालेज सुपौल के वरीय शिक्षक डा. सुलेन्द्र कुमार ने कहा कि अनुदानित कालेजों, विश्वविद्यालयों और राज्य सरकार की हरकत देख अब वर्गकक्ष बहिष्कार करने के अलावा हम शिक्षकों के पास कोई और उपाय नहीं रह गया है।इस संबंध में कुलपति, कुलाधिपति, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को मांग पत्र भेजकर पहले आगाह कर देना जरूरी है। जबकि न्यायालय में अर्जी लगाना भी आवश्यक है। छठ पर्व के बाद वर्गकक्ष बहिष्कार आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। वही इस दौरान मोर्चा के अध्यक्ष प्रो. मनोज भटनागर ने कहा किराज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालयों को आंतरिक श्रोत की राशि का 70 प्रतिशत राशि शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के वेतन मद में खर्च करने की स्पष्ट हिदायत देने के बाद भी विभिन्न कालेजों द्वारा सरकारी आदेश की अब तक अवहेलना हो रही है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को सभी अनुदानित डिग्री कालेज प्रबंधकों के साथ बैठक आयोजित कर आंतरिक श्रोत मद की राशि का वितरण सभी शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के बीच करने की पहल करनी चाहिए।जबकि राज्य सरकार से देय अनुदान मद की राशि का भुगतान समान रूप से सभी शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के खाता में देने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। विश्वविद्यालय प्रशासन विभिन्न कालेज के लिए अपने स्तर से विश्वविद्यालय प्रतिनिधि को प्रतिनियुक्त तो करते हैं।लेकिन विश्वविद्यालय प्रतिनिधि भी इमानदारी से काम नहीं करते हैं। ऐसे में अब उनकी भी खोज खबर ली जाएगी। बैठक में विश्वविद्यालय अंतर्गत विभिन्न परीक्षा से संबंधित मूल्यांकन मद की राशि का भुगतान अविलंब करने पर भी जोर दिया गया।
बैठक में प्रो. सुजीत मेहता, प्रो. सच्चिदानंद सचिव, प्रो विनय कुमार झा, प्रो. गीता यादव , प्रो. निरोध निराला, प्रो. अरूण कुमार, प्रो. विनय कुमार, प्रो. दिनेश प्रसाद, प्रो. आभा रानी, प्रो.लुसी कुमारी, प्रो. देवेन्द्र कुमार, प्रो. ब्रजेश मंडल, प्रो. मनोज कुमार झा , प्रो. प्रमोद कुमार एवं प्रो. सूर्य नारायण यादव आदि ने भी अपने अपने विचार रखे।