Anmol24news-Ranchi शिक्षक सदैव सर्वकालिक व प्रासंगिक हैंमहान शिक्षविद् और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन शिक्षकों की भूमिका और महत्त्व को उजागर करता है। यह दिन न केवल शिक्षकों के योगदान को मान्यता देने का है, बल्कि उन्हें समाज को आधार स्तंभ के रूप में सम्मानित करने का भी है। इन्हीं को समर्पित जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के दयानंद प्रेक्षागृह में शिक्षक दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
कार्यक़म का शुभारंभ मुख्य अतिथि मेकॉन के मुख्य प्रबंध निदेशक श्री संजय कुमार वर्मा, विद्यालय प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष श्री संदीप सिन्हा, मेकॉन के इन्फ्रास्ट्रक्चर और स्पोर्ट्स कमिटी के प्रमुख श्री आर एस रमन जी, विद्यालय प्राचार्य श्री समरजीत जाना तथा प्रबंधन समिति के गणमान्य सदस्यों राकेश कुमार प्रसाद, मुथुविनायकम् आदि के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन तथा डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पण से शुरू हुआ।
तत् पश्चात सभी आगन्तुक गणमान्य अतिथियों को बाल पादप वृक्ष और उपहार देकर सम्मानित किया गया।
छात्रों ने कजरी पर आधारित स्वागत गीत, भगवान विष्णु के दस अवतारों पर आधारित ओडिसी नृत्य, देवदासियों द्वारा देवी दुर्गा को समर्पित भरतनाट्यम नृत्य, राजस्थानी और गुजराती फ्यूज़न डांस द्वारा दर्शकों का मन मोह। वहीं वैदिक युगीन गुरु वर्धन्तु और शिष्य कौत्स पर आधारित लघुनाटिका, मोबाइल फोन की लत पर बचपन और बिखरते रिश्तों पर आधारित नन्हें-मुन्हों का डांस-ड्रामा एवं आधुनिक जीवन शैली पर आधारित छात्र और शिक्षक के रिश्तों को बयां करती डांस-ड्रामा ‘टीचिंग हर्ट्स नॉट जस्ट माइंड’ आकर्षण के केंद्र बने जो गुरु-शिष्य के मानवीय व सामाजिक पक्ष को मंचन के माध्यम से जीवंत किया।
विद्यालय में 15 वर्ष शिक्षक के रूप में उत्कृष्ट सेवा के लिए श्री रजनीश कुमार व शांतनु सामंता एवं 25 वर्षों से उल्लेखनीय सेवा देने के लिए आया दीदी सीता देवी को मंच पर बाल पादप वृक्ष, अंग-वस्त्र, स्मृति चिह्न और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। वहीं विद्यालय में वर्ष भर अपनी शत् प्रतिशत अपनी उपस्थिति दर्ज़ करने के लिए वरीय शारीरिक शिक्षक डॉ० मोती प्रसाद व शिक्षिका सुश्री अविनाशी निशा गुरिया को भी मंच पर सम्मानित कर उनके कार्य के प्रति समर्पण को सराहा गया।
प्राचार्य श्री समरजीत जाना ने कहा कि जेवीएम, श्यामली को बिल्डिंग ने नहीं बनाया है, इसे शिक्षकों ने अपने खून पसीने से निर्मित किया है जिसके परिणाम स्वरूप हमारे बच्चे हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षक कालजयी रहकर सदैव प्रासंगिक बने रहते हैं। हम जहाँ से सीखते हैं वे ही हमारे शिक्षक बन जाते हैं। शिक्षकों के मर्म पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षक का कार्य केवल पाठ्यक्रम का पालन करना नहीं बल्कि विद्यार्थियों में नैतिक और सामाजिक मूल्यों को विकसित करना है। आर्टिफिशियल और डिजिटल युग में भी शिक्षक बखूबी मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने आह्वान किया कि शिक्षण एक पेशा नहीं बल्कि मिशन होना चाहिए, इसमें देश के सर्वश्रेष्ठ बुद्धि वाले लोगों को आना चाहिए।
श्री संदीप सिन्हा ने डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन से प्रेरक प्रसंग को उद्धृत करते हुए छात्रों को प्रेरित किया और कहा कि हम सब में गुरु है शिक्षकों का हर दिन चुनौती पूर्ण होता है। वे अपने आप मे क्रियेटर, डिस्ट्रॉयर और जेनेरेटर तीनों हैं।
श्री संजय कुमार वर्मा ने कहा कि बच्चों ने ऐसा सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया कि हम सब हत प्रभ हैं। आपके द्वारा किया हर प्रयास सराहनीय है। स्टोरी लाइन पर ज़िंदगी चलती नहीं है इसलिए आप असफलताओं का भी जश्न मनाएँ। स्कूल में पढ़ी हुई शिक्षा ही ताउम्र काम आती हैं। उन्होंने अपने तीन सहकर्मी गुरुओं को नमन करते हुए उनके उल्लेखनीय कार्य की प्रशंसा की। आगे उन्होंने शिक्षकों को नमन करते हुए कहा कि शिक्षक पत्थर में छिपी फालतू कणों को दूर को साकार रूप देता है। यही शिक्षक का श्रेष्ठ गुण है।
मौके पर उप प्राचार्य श्री बिभूति नाथ झा व श्री संजय कुमार, प्रभाग प्रभारी श्रीमती अनुपमा श्रीवास्तव, श्री शीलेश्वर झा ‘सुशील’, श्रीमती लिपिका कर्मकार, श्री दीपक सिन्हा, श्रीमती ममता दास, छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष श्री अमित रॉय, विद्यालय प्रशिक्षण पदाधिकारी श्री लक्ष्मी नारायण पटनायक, कार्यक्रम समन्वयिका श्रीमती सुष्मिता मिश्रा समेत तमाम शिक्षक गण, शिक्षकेत्तर कर्मचारी, अभिभावक गण और अभिभावक गण और मीडिया बंधु मौजूद थे।