Home Hospital गर्भवती महिलाओं के समुचित जांच के विशेष अभियान संचालित

गर्भवती महिलाओं के समुचित जांच के विशेष अभियान संचालित

by anmoladmin

Anmol24news-अररिया, 09 अगस्त गर्भवती महिलाएं व गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य संबंधी मामलों की समुचित निगरानी रखना जरूरी होता है। इसमें किसी तरह की लापरवाही से जच्चा-बच्चा दोनों के की सेहत प्रभावित होने का खतरा रहता है। समुचित निगरानी देखरेख के अभाव में गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताएं बढ़ जाती है। जो मातृ-शिशु मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो गर्भधारण करने के बाद व प्रसव से पूर्व महिलाओं का कम से कम चार बार प्रसव पूर्व जांच यानी एंटीनेटल केयर एएनसी जांच जरूरी है। ये प्रसव संबंधी जटिलताओं का समय पर पता लगाकर इसका समुचित प्रबंधन सुनिश्चित कराने का महत्वपूर्ण जरिया है। गर्भवती महिलाओं के नियमित जांच को बढ़ावा देने के लिये संचालित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत जिले में शुक्रवार को विशेष अभियान संचालित किया गया। अभियान के तहत सभी चिकित्सा संसथानों में विशेष अभियान संचालित करते हुए पोषक क्षेत्र की सभी महिलाओं का समुचित जांच व दवा के साथ जरूरी चिकित्सकीय परामर्श नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया।

प्रसव पूर्व चार जांच जरूरी

सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बताया कि मातृ-शिशु मृत्यु दर के मामलों में कमी लाने के उद्देश्य से संचालित इस योजना के तहत महीने में दो बार विशेष अभियान संचालित किया जाता है। शुक्रवार को संचालित अभियान के क्रम में गर्भवती महिलाओं को जरूरी जांच के साथ व्यापक व गुणवत्तापूर्ण प्रसव संबंधी देखभाल सेवाएं उपलब्ध कराया गया। उन्होंने बताया कि पहली जांच गर्भधारण के 12 वें सप्ताह तक, दूसरी जांच 14 वें से 16 वें सप्ताह तक, तीसरी जांच 28 वें से 32 वें सप्ताह तक व अंतिम जांच 34 वें सप्ताह से प्रसव होने से पहले तक करा लेना जरूरी होता है।

जटिलताओं के प्रबंधन को आसान बनाता है जांच

सदर अस्पताल के वरीय चिकित्सक डॉ राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि प्रसव से पूर्व संपूर्ण जांच के अभाव में उच्च जोखिम गर्भधारण की पहचान नहीं हो पाती है। गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप, मधुमेह, वजन का अधिक या कम होना, खून के कमी की समस्या का समय रहते निदान नहीं होने से प्रसव संबंधी जटिलताएं कई गुणा बढ़ जाती है। एनीमिया, मधुमेह, हेपेटाइटिश, एचआईवी जैसे संक्रामक रोगों के कुशल प्रबंधन के लिहाज से भी एएनसी जांच जरूरी होता है। ये गर्भवती महिला के समग्र स्वास्थ्य व गर्भ में पल रहे बच्चे पर इसके संभावित प्रभाव को स्पष्ट करता है। जो समय पर जोखिमों की पहचान व इसके कुशल प्रबंधन को आसान बनाता है।

सुरक्षित व सामान्य प्रसव के लिये करायें नियमित जांच

डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार ने बताया कि एएनसी जांच के क्रम में गर्भवती महिलाओं का एचआईवी, हेमोग्लोबिन, सुगर, हेपेटाइटिस संबंधी जांच किया जाता है। गर्भवती महिलाओं को 180 आयरन की गोली व 260 कैल्शियम का टैबलेट नि:शुल्क दिया जाता है। इतना ही नहीं गर्भावस्था के दौरान खान-पान, बरती जाने वाली अन्य सावधानी की जानकारी उन्हें दी जाती है। जो सुरक्षित व सामान्य प्रसव के साथ-साथ मातृ-शिशु मृत्यु संबंधी मामलों में कमी लाने के लिहाज से भी जरूरी है।

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