Anmol24news-पटना प्राइवेट स्कूलों के विभिन्न समस्याओं को लेकर आज प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने बिहार के शिक्षा मंत्री श्री सुनील कुमार से उनके सरकारी कार्यालय में मुलाकात कर प्राइवेट स्कूलों के समक्ष आने वाली समस्याओं के बारे में विस्तार से बताया जिसे सुनकर उन्होंने प्राथमिक निदेशक श्री पंकज कुमार को दूरभाष के माध्यम से नीचे दिए गए 9 सूत्री मांगों को अविलंब हल करने का निर्देश दिया।
(1) RTE के अंतर्गत पढ़ाने वाले विद्यालयों का सत्र 2019 – 20 से 2023 – 24 तक RTE राशि का भुगतान अविलंब कराया जाए।
(2) यदि किसी भी कारण से qr code नहीं दिया जाता है तो यू डायस प्राप्त स्कूलों की टीसी की मान्यता दी जाए क्योंकि यू डायस में एंट्री का अर्थ ही है कि बच्चा किसी भी सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ रहा है। ऐसे में बच्चे का नामांकन उच्च विद्यालय में नहीं हो पा रहा है।
(3) अगले सत्र 2025- 26 से आरटीई के अंतर्गत नामांकन लेने हेतु ज्ञानदीप पोर्टल को फरवरी माह में सक्रिय किया जाए एवं अप्रैल माह के अंत तक नामांकन लेकर बंद कर दिया जाय ताकि बच्चों एवम् विद्यालयों का समय बर्बाद ना हो ।
(4) प्रत्येक बच्चे की सूचना/जानकारी एकत्र करने हेतु केवल एक पोर्टल बनाया जाय। जिससे विद्यालयों का समय , पैसा एवम् शोषण से बचाया जा सके ।
(5) जिन विद्यालयों को यू डायस/क्यू आर कोड/अवधि विस्तार नहीं मिला है उन्हे अविलंब दिया जाय। जिससे की उच्च कक्षा में नामांकन / आरटीई के अंतर्गत नामांकन हेतु बच्चों को परेशानी न हो।
(6) निजी विद्यालयों को अवधि – विस्तार के नाम पर होने वाले शोषण से बचाने के लिए अवधि – विस्तार की समस्या को समाप्त किया जाय ।
(7) जब ई शिक्षा कोष पर सभी बच्चों की एंट्री स्कूल को ही करना है तो यू डायस में भी 2nd से 8th के बच्चों की एंट्री का विकल्प स्कूल स्तर पर दिया जाए।
(8) बच्चों के नाम में स्पेलिंग सुधारने का विकल्प भी स्कूल को दिया जाए। अभी जो विकल्प है उसमें एक ही letter सुधार का ऑप्शन है जो काफ़ी नहीं है।
(9)) नए qr code प्राप्त स्कूलों के लिए ज्ञानदीप पोर्टल पर rte के लिए विकल्प दिया जाए। ताकि वे अपने बच्चों की एंट्री कर सकें। इस में बहुत से स्कूल पहले से मान्यता प्राप्त थे और rte के तहत गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देते आ रहे हैं लेकिन qr code प्राप्त नहीं होने के कारण वे 2019- 20 और इसके बाद के बच्चों की एंट्री ज्ञानदीप पोर्टल पर नहीं कर पाए।