Anmol24news-Ranchi अभिभावक शिक्षण कौशल पर सेमिनार माता-पिता और शिक्षक बच्चे की गुणात्मक शिक्षा और विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं। सुयोग्य माता-पिता और योग्य शिक्षक बनने-बनाने में शिक्षण कौशल महती भूमिका निभाते हैं। इस उद्देश्य को समर्पित सीबीएसई, सी ओ ई, पटना के तत्वावधान में जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के दयानंद प्रेक्षागृह में 5 घंटे का एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया जिसका विषय था – अभिभावक शिक्षण कौशल।
सेमिनार के रिसोर्स पर्सन के रूप में विद्या विकास पब्लिक स्कूल की पूर्व प्राचार्या डॉ मनीषा तिवारी थी जिन्होंने चार मॉड्यूल में शिक्षकों को प्रशिक्षित किया। उन्होंने प्रशिक्षुओं को 15 समूह में बाँट कर अध्यापकों के इस शिक्षक-प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिक्षा में प्रतिमान परिवर्तन, मूल्यांकन सुधार, बच्चे को जानना, कैरियर परामर्श और कैरियर अवसर जैसे ज्वलंत मुद्दे पर विस्तार से ऑडियो-वीडियो और संवादात्मक शैली में चर्चा की। वहीं विद्यालय के 75 शिक्षकों ने भी कई क्रियाकलापों और प्रश्नोत्तर के माध्यम से कौशल के गुर सीखे।
उन्होंने बताया कि बच्चों के संज्ञानात्मक विकास में संचार कौशल, प्रेरणा और प्रोत्साहन, समय प्रबंधन, सकारात्मक प्रतिक्रिया, समस्या समाधान, पारिवारिक सहयोग अपेक्षित है।
साथ ही माता-पिता को भी एक आदर्श व्यक्ति की भूमिका निभाने, बच्चे की गतिविधियों में शामिल होने, रचनात्मक आलोचना करने, बच्चों में चुनाव की स्वतंत्रता तथा सफल होने पर सफलता का जश्न मनाने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
प्राचार्य समरजीत जाना ने कहा कि शिक्षा ईंट-पत्थर की कक्षाओं तक ही सीमित नहीं है। शिक्षकों को यह समझना होगा कि हमारे बच्चों के लिए क्या अच्छा है और क्या नहीं। यही बात अभिभावक को भी समझानी होगी। बच्चे के प्रारंभिक वर्षों में माता-पिता और शिक्षक की मुख्य भूमिका एक सकारात्मक और स्थायी छाप छोड़ता है इसके लिये माता-पिता को बच्चे की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में रुचि लेने और उन्हें स्कूल में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। उम्मीद है कि यह शिक्षक प्रशिक्षण सेमिनार बच्चों के मूल्यवान जीवन कौशल, बच्चे के विकास और वयस्क के रूप में निर्णय लेने में अहम भूमिका निभाएगी। यह उनके जीवन में मानसिक स्थिरता और करियर में सफलता प्रदान करेगी।