Anmol24news-नई दिल्ली अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन, दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष नरेश कुमार ऐरन ने कहा कि वैश्य समाज के संस्थापक, कुशल शासक, कर्मयोगी, संतुलित व समता आधारित आदर्श व्यवस्था के रचनाकार, अहिंसा के पुजारी व शांति दूत महाराजा अग्रसेन का राष्ट्र व समाज निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है। वर्तमान समय में इनके बताए मार्ग पर चल कर विकसित भारत का निर्माण किया जा सकता है। नरेश कुमार ऐरन और सुनील मित्तल महामंत्री, दरवेश बंसल महामंत्री, अशोक अग्रवाल कोषाध्यक्ष,मुकेश गुप्ता वरिष्ठ उपाध्यक्ष बुधवार प्रेस क्लब में अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन की तरफ से बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे। उन्होंने मांग की कि महाराजा अग्रसेन की जन्म जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए। इस बारे में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, विधान सभा अध्यक्ष राम निवास गोयल व विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता को अखिल भारतीय वैश्य सम्मेलन ज्ञापन भी सौंपेगे।
अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन की तरफ से बताया गया कि महाराजा अग्रसेन मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के वंशज हैं। वह राजा बल्लभ सेन के सबसे बड़े पुत्र थे। इनका जन्म द्वापर युग के अंतिम चरण में हुआ था। उनके शासन काल में राम राज्य था। सूर्यवंशी क्षत्रिय होने के बावजूद उन्होंने किसी यज्ञ में पशु बलि का पुरजोर विरोध किया था। गणतंत्र के संस्थापक और अहिंसा के पुजारी महाराजा अग्रसेन ने पशु बलि का विरोध करते हुए क्षत्रिय धर्म का त्याग किया था और महाराजा अग्रसेन ने अग्रोहा नामक नगरी बसाई थी, जो हरियाणा के हिसार जिले में है। महाराजा अग्रसेन के जीवन के तीन आदर्श थे, एक लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था, दूसरा आर्थिक समरूपता और तीसरा सामाजिक समानता। एक रुपया-एक ईंट का सिद्धांत देकर महाराजा अग्रसेन ने दुनिया को समाजवाद का संदेश दिया था ।
अग्रवाल समाज के जन्मदाता महाराजा अग्रसेन के ऊपर मां लक्ष्मी की बहुत कृपा थी। मां लक्ष्मी ने महाराजा अग्रसेन को स्वप्न में आकर वैश्य समाज की स्थापना के लिए कहा था। यही नहीं, एक बार महाराजा अग्रसेन के राज्य में सूखा पड़ गया था। धन और अन्न के लाले पड़ गए थे। तब मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उन्होंने कठोर तपस्या की। मां लक्ष्मी ने उन्हें साक्षात दर्शन दिए और धन वैभव प्राप्त करने का वरदान दिया।
आर्थिक रूप से संपन्न वैश्य समाज देश और समाज की आर्थिक उन्नति में अपना सहयोग देता रहा है और आगे भी देता रहेगा। प्रभु श्रीराम के वंशज महाराजा अग्रसेन की जयंती आश्विन माह के शुक्ल की प्रतिपदा तिथि यानी शारदीय नवरात्र के पहले दिन हर साल मनाई जाती है। महाराजा अग्रसेन के जन्मोत्सव पर व्यापारिक क्षेत्र से जुड़े लोग विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। दिल्ली में लाखों की संख्या में वैश्य समाज के लोग रहते हैं। उनकी भावनाओं का ख्याल करते हुए आपसे अनुरोध है कि महाराजा अग्रसेन की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए। वैश्य समाज आपका सदैव आभारी रहेगा।
नरेश कुमार ऐरन ने कहा, ‘महाराजा अग्रसेन का जीवन दर्शन आज भी हमारे समाज के लिए बेहद प्रासंगिक और प्रेरणादायक है। उनके द्वारा स्थापित लोकतांत्रिक शासन, आर्थिक समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांत न केवल वैश्य समाज, बल्कि संपूर्ण समाज की उन्नति के लिए महत्वपूर्ण हैं। महाराजा अग्रसेन का ‘एक रुपया-एक ईंट’ का सिद्धांत हमें यह सिखाता है कि समाज की प्रगति में हर व्यक्ति का योगदान जरूरी है, और इसी भावना से हम एक मजबूत और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं।’