Anmol24news-अररिया बकरा नदी में समाया 12 करोड़ का पड़रिया पुल, विभागीय लापरवाही का नतीजा, विधायक ने की जांच की मांग
अररिया में ठेकेदार और विभागीय लापरवाही के कारण 12 करोड़ की लागत से बन रहे पड़रिया पुल के तीन पिलर बहकर नदी में समा गए. सिकटी विधायक ने कहा कि पुल के पिलर बनाने में अनियमितता बरती गई, इसलिए पुल बह गया में करोड़ों की लागत से बना पुल ध्वस्त होकर जमींदोज हो गई। एक बार फिर सरकारी कामों में भ्रष्टाचार को पोल खोने वाली तस्वीर सामने आई है। लोगों की आशा भरी निगाहें इस पुल पर आवागमन की प्रतीक्षा कर रही थी। यह नवनिर्मित पुल भारत-नेपाल सीमा पर स्थित सिकटी प्रखंड के ठेंगापुर पंचायत अन्तर्गत आती है। बकरा नदी के पड़रिया घाट पर बना नवनिर्मित पुल उदघाटन से पूर्व ध्वस्त हो गया। यह पुल बहुत जल्द उदघाटन होने के बाद सिकटी और कुर्साकांटा प्रखंड को जोड़ने वाली थी। सात करोड़ उनासी लाख साठ हजार रुपये की लागत से बना इस पुल का निर्माण पहले बने पुल के एप्रोच पथ कट जाने के बाद कराया गया था। पुल के निर्माण मे घटिया सामग्री के इस्तेमाल की बात लोगों द्वारा बताई जा रही है। इधर विभागीय स्तर पर पुल के एप्रोच पथ बहाल करने की कवायद शुरू की गई थी। लेकिन उससे पहले हीं पुल धराशायी होकर होकर बिखर गया। वहीं कई पाया उक्त स्थल पर धंस गया है। बताते चलें कि बकरा नदी के पररिया घाट पर पुराने पुल को छोड़ नए पुल का निर्माण कार्य 2011 से प्रारंभ हुआ। जिसे तीन भाग में पूरा किया गया था। पहले निर्माण कार्य में करीब पांच करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। नदी की वक्र रेखा के कारण पुल निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया गया। उसपर लगभग सात करोड़ की राशि खर्च की गई। अंततः पुल के एप्रोच पथ कट जाने के कारण एक बार फिर लगभग आठ करोड़ की राशि से पुल की लंबाई को बढ़ाया गया। इस पुल निर्माण कार्य में करीब 20 करोड़ की राशि खर्च की गई। पुल बनकर तैयार सिर्फ उदघाटन और एप्रोच पथ का इंतजार था। एप्रोच पथ बनते हीं कुर्साकांटा और सिकटी प्रखंड को जोड़ने वाली इस पुल पर आवागमन बहाल हो जाता।