Home Purnia नगर निगम सभाकक्ष में बुधवार को गांधी जयंती के अवसर पर स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता पखवाडा के समापन के अवसर पर महापौर विभा कुमारी अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया।

नगर निगम सभाकक्ष में बुधवार को गांधी जयंती के अवसर पर स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता पखवाडा के समापन के अवसर पर महापौर विभा कुमारी अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया।

by anmoladmin

Anmol24news-पूर्णिया : नगर निगम सभाकक्ष में बुधवार को गांधी जयंती के अवसर पर स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता पखवाडा के समापन के अवसर पर महापौर विभा कुमारी अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें बेटियों की महत्ता, सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के प्रति संवेदीकरण के उद्देश्य को लेकर संकल्प लिया गया। महापौर ने गांधी जयंती के मौके पर बेटियों की महत्ता, सम्मान, सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के प्रति संवेदीकरण के लिए आयोजित संकल्प सभा में उपस्थित अतिथियों एवं गणमान्य लोगों का स्वागत एवं अभिवादन नगर निगम की ओर से किया।

बैठक को संबोधित करते हुए महापौर विभा कुमारी ने कहा कि निश्चित रूप से हम आज जिस सामाजिक पड़ाव से गुजर रहे हैं तो जरूरत इस बात की है कि हम बेटियों की बात करें। हम भले हीं चांद चांद पर पहुंच गए हैं लेकिन यह सच है कि आज भी समाज में बेटे और बेटियों के लालन-पालन और शिक्षा में भेदभाव किया जाता है जो काफी दुःखद है। आखिर क्या वजह है कि बेटियां बेटों की तरह खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पाती है। अगर बेटी देर से घर लौटे तो हम अनिष्ट की आशंका से सिहर जाते हैं। दिल्ली की निर्भया कांड से हम कोई सबक क्यों नहीं लेते, जिसकी वजह से कोलकाता की डॉ0 मोमिता देवनाथ कांड की पुनरावृत्ति होती है। उन्होंने कहा कि एक महिला होने के नाते मैं मानती हूं कि इसके लिए हमारी विकृत मानसिकता जिम्मेवार है। हम अपने बेटों के स्वभाव और संस्कार में महिलाओं का सम्मान को शामिल करा दें तो बहुत हद तक इस समस्या का समाधान हो सकता है, हालांकि परिस्थितियां बदली है। बेटियां भी उच्च शिक्षा पा रही है। आज यूपीएससी का रिजल्ट हो या मैट्रिक और इंटर का आप देखेंगे कि बेटियां बेटों से बेहतर कर रही है। कुल मिलाकर बेटियां बेटों से बेहतर कर रही है। सबसे बड़ी बात यह कि बेटियां अब बेटों से अधिक भरोसेमंद बन रही है, मां-बाप का बुढ़ापे में सहारा बन रही है, लेकिन आज भी समाज में बेटे-बेटियों के बीच बड़ा भेदभाव है। आज हम संकल्प लें कि बेटियों के प्रति सकारात्मक भाव रखेंगे और उसके सम्मान और सुरक्षा के प्रति संवेदनशील रहेंगे। सबसे मुख्य बात, हम दहेज प्रथा और बाल विवाह का भी विरोध करें ताकि वे भी ऊंची उड़ान भर सकेंगे।
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बेटियों के सम्मान, सुरक्षा एवं शिक्षा के लिए लिये पार्षदों और कर्मियों द्वारा लिया गया संकल्प-
-हम बेटियों के जन्म को उत्सव के रूप में मनाएंगे, उनके अधिकारों का सम्मान करेंगे तथा उनके समुचित पोषण, स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर विशेष ध्यान देंगे।
-हम अपने ग्राम, समुदाय एवं परिवार में प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण को रोकेंगे तथा ऐसा करने वालों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई हेतु सूचित करेंगे।
-हम बेटियों के प्रति सकारात्मक भाव रखेंगे एवं उनके साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करेंगे तथा उन्हें आगे बढ़ने का समान अवसर प्रदान करेंगे ताकि उनके उज्जवल भविष्य का निर्माण हो सके।
-हम बाल विवाह एवं दहेज प्रथा का विरोध करेंगे तथा कुप्रथाओं को बढ़ावा देने वालों का सामाजिक रूप से बहिष्कार करते हुए उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई हेतु सूचित करेंगे।
-हम बेटियों के सम्मान एवं सुरक्षा के प्रति सतत प्रतिबद्ध रहेंगे।

 

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