Anmol24news-मधेपुरा: ग्रामीण इलाको में रोजगार के मौकों को बढ़ाने के लिए कृषि विभाग मशरूम की खेती पर विशेष जोर दे रही है। कृषि कार्य के साथ साथ किसानों के लिए मशरूम की खेती एक बेहतर विकल्प है। ये बातें सोमवार को मुरलीगंज प्रखंड के पोखराम परमानंदपुर पंचायत में आयोजित तीन दिवसीय मशरूम की खेती को लेकर प्रशिक्षण का शुभारंभ करते हुए अनुमंडल कृषि पदाधिकारी संजीव तांती ने कही। प्रशिक्षण का आयोजन आत्मा योजना के तहत किया गया है। संजीव तांती ने कहा कि मशरूम का सेवन सेहत के लिए काफी लाभदायक होता है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो शरीर को अंदर से मजबूती प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि मशरूम की खेती किसान अपने घर में भी कर बेहतर आय प्राप्त कर सकते हैं। प्रशिक्षण के दौरान अनुमंडल कृषि पदाधिकारी ने कहा कि मशरूम के सेवन से शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढाती है। स्वास्थ्य ठीक रहता है। इसके सेवन से कैंसर की संभावना कम होती है। शरीर में गांठ की वृद्धि को रोकता है। रक्त को भी संतुलित करता है।
पंचायत स्तर पर किसानों को किया जा रहा प्रशिक्षित
मुशरूम की खेती को लेकर पंचायत से चयनित किए 50 किसानों को अनुमंडल कृषि पदाधिकारी संजीव तांती, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. आरपी शर्मा के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान डा. आरपी शर्मा ने कहा कि मशरूम मांग काफी अधिक है। ऐसे में यहां किसानों को निश्चित रूप से मशरूम की खेती करनी चाहिए। मशरूम की खेती में कम लागत के साथ बेहतर मुनाफा भी है। उन्होंने कहा कि मशरूम की खेती करने वाले किसानों जहां कृषि विभाग के द्वारा मुफ्त में प्रशिक्षण देने साथ अनुदान पर मशरूम का कीट भी उपलब्ध करा रही है। ऐसे में किसानों को निश्चित रूप से मशरूम की खेती करने को लेकर आगे आना चाहिए। मशरूम की खेती आसानी से किसी छोटे से घर से शुरू की जा सकती है। प्रशिक्षण के दौरान पंचायत के मुखिया, किसान सलाहकार सहित कई मौजूद थे।