जवाहर विद्या श्यामली में अंतर सदनीय वाद-विवाद प्रतियोगिता

Anmol24News-Ranchi जवाहर विद्या श्यामली में अंतर सदनीय 
वाद-विवाद प्रतियोगिता छात्रों को नए विचार व्यक्त करने और सार्थक तरीके से संवाद स्थापित करने का एक अद्वितीय मौका प्रदान करती है। इससे छात्रों का व्यक्तित्व निखरता है। इस उद्देश्य को समर्पित जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के दयानंद प्रेक्षागृह में हिंदी और अंग्रेजी में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।


कक्षा छठी से आठवीं के छात्रों को सब जूनियर और नवीं से दसवीं तक के छात्रों को जूनियर समूह में बाँटा गया।
हिंदी में सब जूनियर समूह में वाद-विवाद का विषय था – ‘पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण घातक है।’ इस विषय अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए दयानंद सदन के आहान सिन्हा ने प्रथम, टैगोर सदन के प्रतीक कुमार और स्वास्तिका ठाकुर ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं जूनियर समूह में वाद-विवाद का विषय था – ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता मानवता के लिए लाभदायक है।’ इस विषय पर चर्चा करते हुए तिलक सदन के अंशुमान मिश्रा को प्रथम, टैगोर सदन के अविका को द्वितीय और दयानंद सदन के शौरदीप लाल को तृतीत स्थान प्राप्त हुआ।
अंग्रेजी में सब जूनियर छात्रों के लिए विषय था – ‘प्रत्येक व्यक्ति को अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए।’ यहाँ प्रथम स्थान पर तिलक सदन की अपराजिता बनर्जी, द्वितीय स्थान पर संयुक्त रूप से दयानंद सदन के शौर्य कुमार झा और तिलक सदन की अभरना देबनाथ तथा तृतीय स्थान पर टैगोर सदन के राजवीर सिन्हा व राजेन्द्र सदन की रिया सिंह संयुक्त रूप से विजेता बनीं। वहीं जूनियर समूह के लिए विषय था – ‘इंसानों की क्लोनिंग करना नैतिक है।’ इस विषय पर उत्तेजनापूर्ण विचार रखते हुए राजेन्द्र सदन के युवराज दुबे ने प्रथम, तिलक सदन के एम आर हरीश ने द्वितीय और टैगोर सदन की अनन्या शांडिल्य और अविका ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया।
सदन के चयनित छात्र-छात्राओं ने सधी और उत्तेजनापूर्ण वाणी में अपने पक्ष और विचार को साझा किया। वहीं छात्र और शिक्षक समुदाय ने भी तालियों के साथ उनका उत्साहवर्धन किया।
प्राचार्य श्री समरजीत जाना ने विजेता छात्रों को साधुवाद दिया और कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिता से छात्रों के बीच आलोचनात्मक सोच और सार्वजनिक तौर पर बोलने की कला का विकास होता है। इसमें भाग लेकर हमें यह अच्छी तरह समझ में आ जाता है कि जो व्यक्ति हमारे विचारों से सहमत नहीं हैं, उनकी राय का भी महत्त्व है। वाद-विवाद प्रतियोगिता से हम विषय के दोनों पक्षों पर विचार करना सीख लेते हैं, जिससे बुद्धि प्रखर होती है ।
इस मौके पर माध्यमिक विभाग के प्रभाग प्रभारी श्री शीलेश्वर झा ‘सुशील’, श्रीमती मिताली शर्मा, श्रीमती सायमा यूनुस, श्रीमती विनीता कुमारी, श्रीमती ज्योति भारद्वाज, श्रीमती श्वेता त्रिपाठी, श्रीमती आतोषी देवनाथ, श्रीमती मीनाक्षी झा, श्रीमती लिली रॉय आदि गणमान्य शिक्षक मौजूद रहे।

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