Home खबरे स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण को लेकर आशा कार्यकर्ताओं को स्मार्ट बनाने की हो रही पहल

स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण को लेकर आशा कार्यकर्ताओं को स्मार्ट बनाने की हो रही पहल

by anmoladmin

Anmol24News-अररिया, 08 जुलाई मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना के तहत अब आशा कार्यकर्ताओं को स्मार्ट बनाने की पहल की जा रही है। इसे लेकर बिहार राज्य स्वास्थ्य प्रणाली डिजिटलीकरण यानी भव्या के तहत विकसित किये गये एम आशा एप विकसित किया गया है। एम आशा एप का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से सोमवार को जिला स्वास्थ्य समिति सभागार में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण के पहले दिन जिले के सिकटी, भरगामा व पलासी प्रखंड के आशा फैसिलिटेटर को एप के संचालन से संबंधित जरूरी प्रशिक्षण दिया गया। सिविल सर्जन डॉ केके कश्यम की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य प्रशिक्षक की भूमिका पटना से आये रोडिक कंसल्टेंट के प्रवेश झा, डीएलओ निशार रागीब ने आशा फैसिलिटेटरों को इस एप के सफल संचालन से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलूओं से अवगत कराया। कार्यक्रम में डीएमएनई पंकज कुमार, डीसीएम सौरव कुमार, यूएनडीपी के वीसीसीएम शकील आजम, रमन कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद थे।

बीमारी सहित अन्य गतिविधियों को एप पर अपलोड करेंगी आशा

मुख्य प्रशिक्षक रोडिक कंसल्टेंट के प्रवेश झा व डीएलओ निशार रागीब ने बताया एम आशा एप के माध्यम से आशा कार्यकर्ता गांव में होने वाले जन्म, मृत्यु, प्रसव, फाइलेरिया, मलेरिया, एईएसा, बुखार, डायरिया सहित किसी तरह की बीमारी सहित अन्य गतिविधियों को इस एप पर अपलोड करेंगी। इससे आशा कार्यकर्ताओं को किसी भी पंजी के संधारण के लिये लिखने पढ़ने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के डिजिटल मिशन को घर-घर तक पहुंचाने के उद्देश्य से आशा कार्यकर्ताओं को स्मार्ट बनाने की पहल की जा रही है।

स्वास्थ्य सेवाओं को पेपरलेस बनाने की हो रही कवायद

डीएमएनई पकंज कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को उपलब्ध कराई जा रही तमाम सेवाओं को डिजिटेलाइज्ड किया जा रहा है। भव्या एप की मदद से मरीजों को दी जा रही तमाम सेवाओं को पेपरलेस करने की कवायद की जा रही है। लिहाजा आशा एम एप का सफल संचालन जरूरी है। डीसीएम सौरव कुमार ने कहा कि प्रशिक्षण के उपरांत आशा फैसिलिटेटर अपने क्षेत्र की आशा को इस संबंध में जरूरी प्रशिक्षण देंगी। ताकि एम आशा एप का सफल संचालन सुनिश्चित कराया जा सके। एप के उपयोग से आशा को किसी भी पंजी के संधारण में लिखने पढ़ने की जरूरत नहीं होगी। वो अपना काम पहले से बेहतर तरीके से कर सकेंगी।

आसान होगा स्वास्थ्य सेवाओं का निगरानी व निरीक्षण

सिविल सर्जन डॉ केके कश्यम ने बताया कि आशा कार्यकर्ता अब अपने फोन के माध्यम से एम आशा एप की मदद से ग्रामीणों को होने वाली कोई बीमारी या किसी अन्य तरह की असुविधा संबंधी जानकारी पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगी। विभाग द्वारा इसे लेकर भव्या एप जारी किया गया है। इससे स्वास्थ्य व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं की निगरानी व निरीक्षण आसान हुआ है। इस मोबाइल एप के प्रयोग से आशा कार्यकर्ताओं को काम आसान होगा। वे कम समय में अधिक प्रभावी तरीके से अपने काम को अंजाम दे सकेंगी।

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