श्री अनिल कुमार, मुख्य डाक महाध्यक्ष, बिहार के निर्देशन में दिनांक ’28-11-2024 से 30 -11-2024′ तक तीन दिवसीय राज्य स्तरीय डाक टिकट प्रदर्शनी बिहार डाक टिकट प्रदर्शनी “BIPEX-2024” का भव्य आयोजन

Anmol24news-पटना आज दिनांक 28-11-2024 को ज्ञान भवन पटना में भारतीय डाक विभाग की ओर से आयोजित तीन दिवसीय बिहार डाक टिकट प्र दर्शनी BIPEX-2024 का भव्य आयोजन का शुभारम्भ कर ने मुख्य अतिथि बिहार के प्र थम नागरिक राज्यपाल माननीय श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर पहुंचे। राज्यपाल महोदय के ज्ञान भवन पहुंचने पर महिला बैंड द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद राज्यपाल महोदय द्वारा चीफ पोस्टमॉस्टर, पटना जी.पी.ओ. को कबूतर के माध्यम के पत्र भेज कर पिजन पोस्ट के पूरी प्रक्रि या कोपुनः सृजित किया गया। तदोपरां त उनके द्वारा डाक टिकटों की इस भव्य प्रदर्शनी का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।

 

श्री अनिल कुमार, मुख्य डाक महाध्यक्ष, बिहार ने मुख्य अतिथि, सभी विशिष्ट अतिथियों, फिलाटेलिस्ट, अन्य आगंतुकों एवं भारी संख्या में उपस्थित बच्चों का बिहार डाक परिमंडल की ओर से हार्दिक स्वागत किया। उनके द्वारा वर्तमान समय में डाक विभाग द्वारा दी जा रही सुविधाओं की चर्चा की तथा BIPEX-2024 के थीम एवं उद्देश्यों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। साथ ही उन्होंने बताया कि समाज की सेवा हेतु डाक विभाग की प्रतिबद्धता को दुहराया एवं साथ ही डाक विभाग अपनी सेवा में उत्तरोत्तर सुधार हेतु सदैव तत्पर है।

इसके पश्चात मुख्यअतिथि के कर कमलों द्वारा ‘चाणक्य, चन्द्र गुप्त एवं अर्थ शत्र’ पर विशेष आवरण का विमोचन कियागया साथ ही उनके द्वारा ‘बिहार के ऋषियों पर पिक्चर पो स्टकार्ड का अनावरण किया गया। इसी कड़ी को आओ बढ़ाते हुए परम आदरणीय राज्यपाल के द्वारा श्री अनिल कुमार, मुख्य डाक महाध्यक्ष, बिहार द्वारा फिलाटेली पर लिखित “Glory of Bihar” एवं “Postal Heritage of Bihar” नामक पुस्तकों का विमोचन किया गया।

कार्यक्रम के दौरान हरकारा के माध्यम से वरिय डाकपाल, बांकीपुर द्वारा भेजे गए पत्र को माननीय राज्यपाल महोदय को वितरित किया गया। हरकारे से पत्र प्राप्त होने पर माननीय राज्यपाल महोदय के चेहरे पर विस्मय व सुखद आश्च र्य को स्पस्ट रूप से देखा गया। हरकारा डाक विभाग की प्राचीनतम पत्र वितरण प्रणाली का अंशर हाहै।

मुख्य अतिथि राज्यपाल महोदय श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के द्वारा डाक विभाग द्वारा किये जाने वाले इस प्रदर्शनी की सराहना कीगई तथा आम जनों से अपील किया कि बिहार के विरा स्त को समझें तथा पुनः उसी दिशा में आओ बढ़े जहाँ पु रुषार्थ की दिशा महिलाओंकी विद्वता, ज्ञान, त्याग और साहससे तय हुआ करता था। संबोधन में उन्होंने कहा कि हाल में डाक विभाग की सेवाएँ जनमानस के लिए अत्यंत लाभकारी रही है और लगभग बहुत स्त्री सरकारी योजना ओं का लाभ खातों के माध्यम से सीधे लाभार्थी को दी जारही है जो कि अति सराहनीय है।

उद्घाटन समारोह के पश्चात डाक टिकट डिजाईन प्रतियोगिता, पत्र लेखन प्रतियोगिता एवं नृत्य प्रतियोगिता प्रारंभ हुआ जिसमें बिहार के लगभग 200 स्कूलों के करीब 5000 बच्चों ने भाग लिया। बच्चों ने प्रदर्शनी का भरपूर आनंद उठाया। बच्चों में प्रदर्शित टिकटों को देखने का उत्साह हमारे भारत के भविष्य की सराहनीय है।

उद्घाटन समारोह के पश्चात डाक टिकट डिजाईन प्रतियोगिता, पत्र लेखन प्रतियोगिता एवं नृत्य प्रतियोगिता प्रारंभ हुआ जिसमें बिहार के लगभग 200 स्कूलों के करीब 5000 बच्चों ने भाग लिया। बच्चों ने प्रदर्शनी का भरपूर आनंद उठाया। बच्चों में प्रदर्शित टिकटों को देखने का उत्साह हमारे भारत के भविष्य की अनुभूति करा रहा था। मानों ऐसा लग रहा था कि डाक विभाग अपनी संकल्पना “मोबाइल से बच्चों का ध्यान डाक टिकटों के शौक की ओर परिवर्तित कर दिया’ जो कि एक बड़ी उपलब्धि होगी। बच्चों में सबसे अधिक आकर्षण पोस्ट क्रॉसिंग के काउन्टर पर देखा गया जहां बच्चों को नए दोस्त बनाने के एक अनूठे अवसर की जानकारी दी गयी। बच्चों के साथ-साथ बड़ों ने भी इस विधा में खूब रुचि दिखायी। बच्चों के लिए स्पॉट क्विज़ ने भी उन्हें फिलाटेली के ज्ञान के महासागर में गोते लगाने के लिए मनोरंजन से भरपूर अवसर दिया, जिसका उन्होंने खूब आनंद लिया। इस प्रतयोगिता के साथ-साथ सभी दर्शकों के लिए सेल्फी पॉइंट बनाया गया है।

कार्यक्रम में अति विशिष्ट अथिति के रूप में पद्म भूषण डॉ. सी. पी. ठाकुर, पूर्व केन्द्रीय मंत्री भारत सरकार, श्री अंजनी कुमार सिंह, निदेशक बिहार संग्रहालय, श्री विनय कुमार, डी.जी.पी., बिहार पुलिश भवन निर्माण, पटना, प्रो. (डॉ.) राणा सिंह, निदेशक, चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, पटना एवं डॉ. रासबिहारी प्रसाद सिंह, पूर्व कुलपति, पटना विश्वविद्यालय, पटना, श्री परिमल सिन्हा, पोस्टमास्टर जनरल, उत्तरी प्रक्षेत्र, श्री मनोज कुमार, पोस्टमास्टर जनरल, पूर्वी प्रक्षेत्र, ए.आई. हैदरी, महाप्रबंधक वित्त ने मंच को सुशोभित किया। पुरे प्रदर्शनी को डाक विभाग अपने विभागीय सोशल मीडिया अकाउंट यथा Youtube, facebook, X (twitter), instagram के माध्यम से लाइव टेलीकास्ट भी किया जिसे काफी संख्या में दर्शकों ने देखा और आनंद उठाया।

आज जारी किए गए विशेष आवरण ‘चाणक्य, चन्द्रगुप्त एवं अर्थशास्त्र’ का विवरण –

चंद्रगुप्त मौर्य, मौर्य साम्राज्य के संस्थापक थे, जिन्होंने अपने गुरु चाणक्य के मार्गदर्शन में लगभग 321 ईसा पूर्व प्राचीन भारत का एक विशाल साम्राज्य स्थापित किया। चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, एक विलक्षण रणनीतिकार और विद्वान थे, जिन्होंने चंद्रगुप्त को सत्ता तक पहुँचाने में कूटनीति और रणनीतिक बुद्धिमत्ता का उपयोग करते हुए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कौटिल्य का ‘अर्थशास्त्र,’ जो प्राचीन भारतीय राज्यशास्त्र, आर्थिक नीति और सैन्य रणनीति पर एक ग्रंथ है, चाणक्य द्वारा रचित माना जाता है और यह राजनीति विज्ञान और प्रशासन में एक बुनियादी पाठ है। चंद्रगुप्त और चाणक्य के गठबंधन ने भारतीय उपमहाद्वीप के बड़े हिस्से को एकजुट किया और एक सशक्त केंद्रीकृत प्रशासन की स्थापना की। अर्थशास्त्र शासन पर अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, जिसमें गुप्तचरी, कर प्रणाली, और राज्य की भलाई पर जोर दिया गया है जो सत्ता और स्थिरता बनाए रखने में चाणक्य कि व्यवहारिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।

आज जारी किए गए पिक्चर पोस्ट कार्ड ‘बिहार के ऋषियों का विवरण-

ब्रह्मऋषि च्यवन को एक महान वैदिक ऋषि, चिकित्सा व आयुर्वेद के अग्रदूत के रूप में माना जाता है। उनके नाम पर च्यवनप्राश जैसे औषधीय घटक बनाए गए है, जो आज भी आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग किए जाते हैं। च्यवन ऋषि का आश्रम आज भी बक्सर में अवस्थित है।

महर्षि मंडन मिश्र एक प्रसिद्ध दार्शनिक थे, उनके द्वारा लिखित ‘ब्रह्मसिद्धि” अद्वैत वेदांत पर एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। उन्हें आदि शंकराचार्य के साथ अपनी ऐतिहासिक शास्त्रार्थ के लिए जाना जाता है, जो वास्तविकता और आध्यात्मिकता की प्रकृति पर केंद्रित थी। मंडन भारती धाम बिहार के सहरसा जिले के महिषी प्रखंड में स्थित है।

महर्षि याज्ञवल्क्य एक सम्मानित ऋषि थे, जो वेदों और उपनिषदों में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्हें विशेष रूप से ‘ब्रह्म सूत्र” के लिए जाना जाता है। गार्गी ओर मैत्रेयी जैसी महान महिला विद्वानों के साथ उनके संवाद ने भारतीय दर्शन में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उनकी शिक्षाएँ ज्ञान की खोज, आत्म साक्षात्कार, और व्यक्ति के ब्रह्मांड के साथ एकत्व पर जोर देती हैं। बिहार का मधुबनी जिला उनका गृहनगर है।

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