Anmol24news-पटना, सोमवार, दिनांक 12 अगस्त, 2024ः जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित हुई। पदाधिकारियों को आम जनता की समस्याओं का पूरी संवेदनशीलता के साथ त्वरित गति से समाधान करने का निदेश दिया। सरकार के विकासात्मक एवं लोक-कल्याणकारी योजनाओं का गुणवत्तापूर्ण तथा समयबद्ध तरीके से सफल क्रियान्वयन करने का निदेश दिया गया।
समाहरणालय स्थित सभागार में आयोजित इस बैठक में विभिन्न विभागों के जिला-स्तरीय पदाधिकारी, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, सभी विभागों के अनुमंडल-स्तरीय एवं प्रखंड-स्तरीय पदाधिकारीगण तथा अन्य भी उपस्थित थे।
जिलाधिकारी ने कहा कि हर सोमवार को पूर्वाह्न 10ः00 बजे से जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड-स्तरीय सभी विभागों के पदाधिकारियों के साथ समन्वय समिति की बैठक आयोजित की जा रही है। इसका मूल उद्देश्य अतंर्विभागीय समन्वय सुनिश्चित करना है ताकि जनहित के कार्यों को तत्परता से क्रियान्वित किया जा सके। जो भी समस्याएं आती है उसका संबंधित विभागों के पदाधिकारी आपस में संवाद एवं समन्वय स्थापित करते हुए तेजी से समाधान करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि इस तरह की बैठकों का काफी महत्व है। विकास, राजस्व, कल्याण, ग्रामीण विकास, अभियंत्रण सहित सभी विभागों के अधिकारियों के बीच भूमि उपलब्धता, सीमांकन, भवन निर्माण इत्यादि के लंबित मामलों का आपसी समन्वय के द्वारा निपटारा किया जाता है। *पिछले सोमवारी बैठक के बाद सामुदायिक भवन-सह-वर्कशेड निर्माण के 07 मामलों में अंचलाधिकारियों से जिला कल्याण पदाधिकारी को एनओसी प्राप्त हो गया है। इस वितीय वर्ष में सामुदायिक भवन-सह-वर्कशेड निर्माण का कुल लक्ष्य 17 है। आँगनबाडी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु 26 मामलों में जमीन का एनओसी प्राप्त हो गया है जबकि विगत सप्ताह यह केवल 03 था। पशु चिकित्सालयों के लिए बिक्रम एवं नौबतपुर में भी जमीन चिन्हित कर लिया गया है। आरटीपीएस में कुल एक्सपायर्ड मामलों की संख्या अभी 02 है जबकि विगत सप्ताह यह 237 थी। जिलाधिकारी ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पदाधिकारियों को हमेशा लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि हासिल करने के लिए प्रयासरत रहने का निदेश दिया गया*।
जिलाधिकारी ने कहा कि पदाधिकारीगण आवश्यकतानुसार अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित कर *पूर्ण पारदर्शिता, उत्तरदायित्व एवं संवेदनशीलता* के साथ कार्य करें।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि अधिकारीगण स्व-उतरदायित्व एवं स्व-अनुशासन की भावना से काम करें। सभी क्षेत्रीय पदाधिकारी यह सुनिश्चित करंे कि आम जनता को अपनी समस्याओं को लेकर कार्यालयों का दौर न लगाना पड़े। छोटे-छोटे कार्यों को लेकर भी लोगों को जिला मुख्यालय एवं अनुमंडल मुख्यालयों में न आना पडे़ यह क्षेत्रों में पदस्थापित अधिकारीगण सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि इसके लिए हर स्तर पर पदाधिकारियों को रिस्पाँसिव होना पड़ेगा। कार्य-संस्कृति को सुदृढ़ रखना होगा। इसके लिए कार्यालयों में सभी कर्मियों तथा अधिकारियों की ससमय उपस्थिति सुनिश्चित करना अनिवार्य है।
इस बैठक में जिलाधिकारी द्वारा लोक शिकायत निवारण तथा लोक सेवा के अधिकार से संबंधित मामलों, न्यायालय, मानवाधिकार, लोकायुक्त से संबंधित मामलों, पंचायत सरकार भवन, सोलर स्ट्रीट लाइट, हर घर नल का जल, हर खेत को सिंचाई का पानी, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, आँगनबाड़ी केन्द्रों का भवन निर्माण, कल्याण विभाग के छात्रावासों का निर्माण सहित विभिन्न योजनाओं में प्रगति की समीक्षा की गई तथा अद्यतन स्थिति का जायजा लिया गया। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार के विकासात्मक एवं लोक-कल्याणकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन जिला प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसके लिए सभी पदाधिकारी सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें। विभिन्न विभागों के जिन-जिन कार्यों तथा योजनाओं के लिए जमीन की उपलब्धता, अनापति प्रमाण-पत्र, सीमांकन, अतिक्रमण हटाने इत्यादि का मामला लंबित है उसके लिए *प्रखंड-स्तरीय विभागीय पदाधिकारी एवं संबंधित अंचल अधिकारी* समन्वय स्थापित कर कार्यों में तेज़ी लायें तथा मामले का समाधान करते हुए प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी इसका पर्यवेक्षण करेंगे तथा अपर समाहर्ता, पटना इसका अनुश्रवण करेंगे। जिलाधिकारी ने सभी पदाधिकारियों को माननीय न्यायालय, लोकायुक्त एवं मानवाधिकार आयोग में लंबित मामलों को समय सीमा के अंदर निष्पादन करने का निदेश दिया।
अंचल अधिकारी, बिहटा को विगत सप्ताह जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआई) की स्थापना हेतु जमीन का प्रस्ताव उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया था। इसका उनके द्वारा अनुपालन नहीं किया गया है। साथ ही बैठक में भी वे बिना किसी तैयारी के भाग ले रहे थे। जिलाधिकारी ने उनसे स्पष्टीकरण करते हुए 24 घंटा के अंदर इस विषय पर भूमि के संबंध में प्रतिवेदन देने का निदेश दिया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री खेल विकास योजना अंतर्गत प्रखंड मुख्यालयों में आउटडोर स्टेडियम का निर्माण किया जाना है। बख्तियारपुर, दनियावॉ, फतुहा, नौबतपुर, घोसवरी, सम्पतचक, दानापुर, बेलछी एवं पंडारक में स्टेडियम निर्माण हेतु भू-खण्ड की लम्बाई एवं चौड़ाई के साथ विहित प्रपत्र में प्रस्ताव अंचलाधिकारियों को उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया।
डीएम डॉ. सिंह ने पदाधिकारियों को निदेश दिया कि भूमि के विशेष सर्वेक्षण कार्यक्रम में सरकार के निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करें। अनुमंडल पदाधिकारी इसका नियमित अनुश्रवण करेंगे। सभी अंचलों में विशेष सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों को पदस्थापित किया गया है। साथ ही हर एक अंचल में कैम्प ऑफिस भी बनाया गया है। कैलेण्डर के अनुसार सर्वेक्षण कार्य को पूरा करने का निदेश दिया गया।
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लोक शिकायत निवारण एवं आरटीपीएस
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जिलाधिकारी द्वारा लोक शिकायत निवारण एवं आरटीपीएस से संबंधित मामलों की समीक्षा की गयी। सभी लोक प्राधिकारों एवं अधिकारियों को आवेदनों का त्वरित निष्पादन करने का निदेश दिया गया।
समीक्षा में पाया गया कि जिला में लोक शिकायत निवारण में विगत एक सप्ताह में 332 मामलों को निष्पादित किया गया है जबकि 264 परिवाद प्राप्त हुआ था। विगत 30 कार्य दिवस से अधिक लंबित मामलों की संख्या 409; विगत 45 कार्य दिवस से अधिक लंबित मामलों की संख्या 258 तथा विगत 60 कार्य दिवस से अधिक लंबित मामलों की संख्या शून्य है। लंबित परिवादों की कुल संख्या 2,244 है। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को इन लंबित मामलों को समय सीमा के अंदर निष्पादन करने का निदेश दिया।
लोक शिकायत निवारण के अपील मामलों के क्रियान्वयन की समीक्षा में पाया गया कि प्रथम अपील के लिए दायर 9,306 मामलों में 9,087 मामलों को निष्पादित कर दिया गया है। 60 कार्य दिवस से कम 219 मामले तथा 60 कार्य दिवस से अधिक शून्य मामले लंबित है। द्वितीय अपील के लिए दायर 3,312 मामलों में 3,181 मामलों को निष्पादित किया गया है। 60 कार्य दिवस से कम 130 मामले तथा 60 कार्य दिवस से अधिक शून्य मामले लंबित है। 87 मामलों में लोक प्राधिकार के विरुद्ध आर्थिक दण्ड लगाया गया है जिसमें 2,30,300 रूपये की राशि दण्ड स्वरूप अध्यारोपित है। 25 मामलों में अनुशासनिक कार्रवाई हेतु अनुशंसा की गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन-जिन अधिकारियों पर दंड लगाया गया है वे अविलंब दंड की राशि जमा कर दें अन्यथा उनके वेतन से कटौती की जाएगी।
सुनवाई से लोक प्राधिकारों की अनुपस्थिति का प्रतिशत 1.14 है। विगत सप्ताह अर्थात दिनांक 05 अगस्त से 10 अगस्त तक की सुनवाई से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, पालीगंज एक बार; थानाध्यक्ष दुल्हिनबाजार दो बार; थानाध्यक्ष दानापुर छः बार तथा उपाधीक्षक एनएमसीएच एक बार अनुपस्थित थे। जिलाधिकारी ने इन सभी से कारण-पृच्छा करते हुए इनके नियंत्री पदाधिकारियों के माध्यम से स्पष्टीकरण उपलब्ध कराने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। लोक शिकायतों की सुनवाई में लोक प्राधिकारों की हर हाल में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित रहनी चाहिए। सुनवाई से आदतन अनुपस्थित रहने वाले लोक प्राधिकारों का वेतन स्थगित रखते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक एवं विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी।
बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम अन्तर्गत अतिक्रमण वाद के 422 मामले निष्पादन हेतु लंबित हैं। अतिक्रमण के 113 मामलों में अंचल अधिकारियों से प्रतिवेदन प्राप्त होना शेष है। इसमें दो अंकों में लंबित अंचलों में दानापुर में 21, फुलवारीशरीफ में 21, बिहटा में 21, पुनपुन में 19 तथा धनरूआ में 11 मामले निष्पादन हेतु लंबित है। बाढ़, दुल्हिनबाजार, पालीगंज, मोकामा, पंडारक, बख्तियारपुर, बेलछी, घोसवरी, मनेर, अथमलगोला, खुशरूपुर, दनियावां तथा फतुहा अंचलों में यह शून्य है। बाकी अंचलों में लंबित मामलों की संख्या सिंगल डिजिट में है। जिलाधिकारी द्वारा विशेष रूचि लेकर निष्पादन करने का निदेश दिया गया।
जिलाधिकारी ने अंचल अधिकारियों को निदेश दिया कि 90 दिन से अधिक से लंबित अतिक्रमण के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करें।
बैठक में अंचलाधिकारियों एवं थानाध्यक्षों की संयुक्त बैठक की समीक्षा की गई। इसमें पाया गया कि 23 अंचलों में संयुक्त बैठक के कुल 9,767 कार्यवाही को अपलोड किया गया है।
आरटीपीएस में प्रगति की समीक्षा की गई। इसमें कुल एक्सपायर्ड मामलों की संख्या 02 है जबकि विगत सप्ताह यह 237 थी। यह दोनों मामला श्रम विभाग से संबंधित है। जिलाधिकारी द्वारा श्रम अधीक्षक को इसे तुरत निष्पादित करने का निदेश दिया गया। ऑनलाईन दाखिल-खारिज के प्राप्त 8,92,833 आवेदनों में 92.02 प्रतिशत आवेदनों अर्थात 8,21,556 आवेदनों को निष्पादित कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि आरटीपीएस अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप समय-सीमा के अंदर आवेदनों का गुणवत्तापूर्ण निष्पादन सुनिश्चित करें। आम जनता को सेवा प्रदान करने में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक्सपायर्ड मामलों की संख्या हर हाल में शून्य रहनी चाहिए।
ज़िलाधिकारी ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 तथा बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2011 का सफल क्रियान्वयन सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें। योजनाओं के क्रियान्वयन में शिथिलता, अनियमितता एवं लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि आरटीपीएस के मामलों में जिन-जिन अंचलों/प्रखंडों में शिथिलता बरती जा रही है वहाँ संबंधित अपीलीय प्राधिकार अनुमंडल पदाधिकारी समीक्षा करते हुए मामलों की स्वतः सुनवाई करेंगे तथा लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार दंड अध्यारोपित करेंगे। यही नियम लोक शिकायत निवारण के मामलों में भी लागू किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निदेश दिया कि ‘‘जनता के दरबार में माननीय मुख्यमंत्री’’, सीपीग्राम, जिला जनता दरबार सहित विभिन्न स्रोतों से प्राप्त आवेदनों को त्वरित गति से निष्पादित करें।