Home Patna डीएम ने की जिला समन्वय समिति की बैठक, पदाधिकारियों को जनहित के मामलों को तत्परता से हल करने का दिया निदेश

डीएम ने की जिला समन्वय समिति की बैठक, पदाधिकारियों को जनहित के मामलों को तत्परता से हल करने का दिया निदेश

by anmoladmin

Anmol24News-पटना सोमवार, दिनांक 05 अगस्त, 2024ः जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई। उन्होंने पदाधिकारियों को आम जनता की समस्याओं का पूरी संवेदनशीलता के साथ त्वरित गति से समाधान करने का निदेश दिया। सरकार के विकासात्मक एवं लोक-कल्याणकारी योजनाओं का गुणवत्तापूर्ण तथा समयबद्ध तरीके से सफल क्रियान्वयन करने का निदेश दिया गया।

समाहरणालय स्थित सभागार में आयोजित इस बैठक में विभिन्न विभागों के जिला-स्तरीय पदाधिकारी, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, सभी विभागों के अनुमंडल-स्तरीय एवं प्रखंड-स्तरीय पदाधिकारीगण तथा अन्य भी उपस्थित थे।

जिलाधिकारी ने कहा कि हर सोमवार को पूर्वाह्न 10ः00 बजे से जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड-स्तरीय सभी विभागों के पदाधिकारियों के साथ समन्वय समिति की बैठक आयोजित की जाएगी। इसका मूल उद्देश्य अतंर्विभागीय समन्वय सुनिश्चित करना है ताकि जनहित के कार्यों को तत्परता से क्रियान्वित किया जा सके। जो भी समस्याएं आती है उसका संबंधित विभागों के पदाधिकारी आपस में संवाद एवं समन्वय स्थापित करते हुए तेजी से समाधान करें।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि *अधिकारीगण स्व-उतरदायित्व एवं स्व-अनुशासन की भावना से काम करें*। सभी क्षेत्रीय पदाधिकारी यह सुनिश्चित करंे कि आम जनता को अपनी समस्याओं को लेकर कार्यालयों का दौर न लगाना पड़े। छोटे-छोटे कार्यों को लेकर भी लोगों को जिला मुख्यालय एवं अनुमंडल मुख्यालयों में न आना पडे़ यह क्षेत्रों में पदस्थापित अधिकारीगण सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि इसके लिए हर स्तर पर पदाधिकारियों को रिस्पाँसिव होना पड़ेगा। कार्य-संस्कृति को सुदृढ़ रखना होगा। इसके लिए कार्यालयों में सभी कर्मियों तथा अधिकारियों की ससमय उपस्थिति सुनिश्चित करना अनिवार्य है।

इस बैठक में जिलाधिकारी द्वारा लोक शिकायत निवारण तथा लोक सेवा के अधिकार से संबंधित मामलों, न्यायालय, मानवाधिकार, लोकायुक्त से संबंधित मामलों, पंचायत सरकार भवन, सोलर स्ट्रीट लाइट, हर घर नल का जल, हर खेत को सिंचाई का पानी, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, आँगनबाड़ी केन्द्रों का भवन निर्माण, कल्याण विभाग के छात्रावासों का निर्माण सहित विभिन्न योजनाओं में प्रगति की समीक्षा की गई तथा अद्यतन स्थिति का जायजा लिया गया। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार के विकासात्मक एवं लोक-कल्याणकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए सभी पदाधिकारी सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें। विभिन्न विभागों के जिन-जिन कार्यों तथा योजनाओं के लिए जमीन की उपलब्धता, अनापति प्रमाण-पत्र, सीमांकन, अतिक्रमण हटाने इत्यादि का मामला लंबित है उसके लिए प्रखंड-स्तरीय विभागीय पदाधिकारी एवं संबंधित अंचल अधिकारी समन्वय स्थापित कर कार्यों में तेज़ी लायें तथा मामले का समाधान करते हुए प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी इसका पर्यवेक्षण करेंगे तथा अपर समाहर्ता, पटना इसका अनुश्रवण करेंगे।

आज के इस बैठक से श्रम अधीक्षक, जिला कृषि पदाधिकारी, उप निर्वाचन पदाधिकारी तथा कार्यपालक अभियंता स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन-2 अनुपस्थित थे। जिलाधिकारी द्वारा इसपर गंभीर आपत्ति व्यक्त करते हुए जनहित के इतने महत्वपूर्ण बैठक से अनुपस्थित रहने के कारण इन चारों अधिकारियों का आज का वेतन अगले आदेश तक अवरूद्ध करते हुए इन सभी से स्पष्टीकरण किया गया।

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लोक शिकायत निवारण एवं आरटीपीएस
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जिलाधिकारी द्वारा लोक शिकायत निवारण एवं आरटीपीएस से संबंधित मामलों की समीक्षा की गयी। सभी लोक प्राधिकारों एवं अधिकारियों को आवेदनों का त्वरित निष्पादन करने का निदेश दिया गया।

समीक्षा में पाया गया कि जिला में लोक शिकायत निवारण में विगत एक सप्ताह में 369 मामलों को निष्पादित किया गया है जबकि 251 परिवाद प्राप्त हुआ था। विगत 30 कार्य दिवस से अधिक लंबित मामलों की संख्या 282; विगत 45 कार्य दिवस से अधिक लंबित मामलों की संख्या 287 तथा विगत 60 कार्य दिवस से अधिक लंबित मामलों की संख्या 02 है। लंबित परिवादों की कुल संख्या 2,136  है।

लोक शिकायत निवारण के अपील मामलों के क्रियान्वयन की समीक्षा में पाया गया कि प्रथम अपील के लिए दायर 9,277 मामलों में 9,069 मामलों को निष्पादित कर दिया गया है। 60 कार्य दिवस से कम 208 मामले तथा 60 कार्य दिवस से अधिक शून्य मामले लंबित है। द्वितीय अपील के लिए दायर 3,298 मामलों में 3,175 मामलों को निष्पादित किया गया है। 60 कार्य दिवस से कम 122 मामले तथा 60 कार्य दिवस से अधिक शून्य मामले लंबित है। 86 मामलों में लोक प्राधिकार के विरुद्ध आर्थिक दण्ड लगाया गया है जिसमें 2,25,300 रूपये की राशि दण्ड स्वरूप अध्यारोपित है। 25 मामलों में अनुशासनिक कार्रवाई हेतु अनुशंसा की गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन-जिन अधिकारियों पर दंड लगाया गया है वे एक सप्ताह के अंदर दंड की राशि जमा कर दें अन्यथा उनके वेतन से कटौती की जाएगी।

सुनवाई से लोक प्राधिकारों की अनुपस्थिति का प्रतिशत 1.36 है। ज़िलाधिकारी ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। लोक शिकायतों की सुनवाई में लोक प्राधिकारों की हर हाल में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित रहनी चाहिए। सुनवाई से आदतन अनुपस्थित रहने वाले लोक प्राधिकारों का वेतन स्थगित रखते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक एवं विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी।

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम अन्तर्गत अतिक्रमण वाद के 416 मामले निष्पादन हेतु लंबित हैं। अतिक्रमण के 111 मामलों में अंचल अधिकारियों से प्रतिवेदन प्राप्त होना शेष है। इसमें दो अंकों में लंबित अंचलों में दानापुर में 21, फुलवारीशरीफ में 21, बिहटा में 21, पुनपुन में 19 तथा धनरूआ में 11 मामले निष्पादन हेतु लंबित है। बाढ़, दुल्हिनबाजार, पालीगंज, मोकामा, पंडारक, बख्तियारपुर, बेलछी, घोसवरी, मनेर, अथमलगोला, खुशरूपुर, दनियावां तथा फतुहा अंचलों में यह शून्य है। बाकी अंचलों में लंबित मामलों की संख्या सिंगल डिजिट में है। जिलाधिकारी द्वारा विशेष रूचि लेकर निष्पादन करने का निदेश दिया गया।

जिलाधिकारी ने अंचल अधिकारियों को निदेश दिया कि 90 दिन से अधिक से लंबित अतिक्रमण के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करें।

बैठक में अंचलाधिकारियों एवं थानाध्यक्षों की संयुक्त बैठक की समीक्षा की गई। इसमें पाया गया कि 23 अंचलों में संयुक्त बैठक के कुल 9,710 कार्यवाही को अपलोड किया गया है।

आरटीपीएस में प्रगति की समीक्षा की गई। इसमें कुल एक्सपायर्ड मामलों की संख्या 237 है। ऑनलाईन दाखिल-खारिज के प्राप्त 8,91,208 आवेदनों में 91.73 प्रतिशत आवेदनों अर्थात 8,17,505 आवेदनों को निष्पादित कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि आरटीपीएस अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप समय-सीमा के अंदर आवेदनों का गुणवत्तापूर्ण निष्पादन सुनिश्चित करें। आम जनता को सेवा प्रदान करने में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक्सपायर्ड मामलों की संख्या हर हाल में शून्य रहनी चाहिए।

ज़िलाधिकारी ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 तथा बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2011 का सफल क्रियान्वयन सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें। योजनाओं के क्रियान्वयन में शिथिलता, अनियमितता एवं लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जिलाधिकारी ने कहा कि आरटीपीएस के मामलों में जिन-जिन अंचलों/प्रखंडों में शिथिलता बरती जा रही है वहाँ संबंधित अपीलीय प्राधिकार अनुमंडल पदाधिकारी समीक्षा करते हुए मामलों की स्वतः सुनवाई करेंगे तथा लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार दंड अध्यारोपित करेंगे। यही नियम लोक शिकायत निवारण के मामलों में भी लागू किया जाएगा।

जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निदेश दिया कि ‘‘जनता के दरबार में माननीय मुख्यमंत्री’’, सीपीग्राम, जिला जनता दरबार सहित विभिन्न स्रोतों से प्राप्त आवेदनों को त्वरित गति से निष्पादित करें।

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