Anmol24news-पटना, बुधवार, दिनांक 31 जुलाई, 2024ः जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में वायु प्रदूषण के रोक-थाम एवं नियंत्रण हेतु गठित जिला-स्तरीय क्रियान्वयन समिति (डीएलआईसी) की बैठक आयोजित की गई। पटना शहर के परिवेशीय वायु-प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स की सक्रिय सहभागिता का आह््वान किया गया। डीएम डॉ. सिंह ने सभी संबद्ध पदाधिकारियों को पर्यावरण सुरक्षा हेतु वैज्ञानिक तरीके से एवं मिशन मोड में काम करने का निदेश दिया।
जिलाधिकारी द्वारा विभिन्न विभागों यथा परिवहन, यातायात, नगर निकायों, पथ निर्माण, खनन, कृषि, प्रदूषण नियंत्रण आदि के कार्यों की समीक्षा की गई तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्द्धन के प्रति सभी भागीदारों (स्टेकहोल्डर्स) को सजग, तत्पर तथा प्रतिबद्ध रहना पड़ेगा। अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सबको सक्रिय रहना होगा। कार्य योजना के अनुसार वैधानिक प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए ताकि वायु की गुणवता में निरंतर सुधार हो।
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अधिकारी द्वारा बताया गया कि पार्टिकुलेट मैटर 10 के स्तर को बेहतर करने के लिए पटना नगर निगम, परिवहन, वन विभाग सहित सभी संबंधित विभागों द्वारा इस दिशा में नियमित अभियान चलाया जा रहा है। मिस्ट कैनन मशीन, पानी के छिड़काव, मिस्ट गन इत्यादि माध्यमों से प्रदूषण नियंत्रण हेतु कार्रवाई की जा रही है। जिलाधिकारी ने वायु प्रदूषण को निरंतर कम करने के लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत पर बल दिया।
जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि प्रदूषण फैलाने वालों वाहनों के विरूद्ध नियमित तौर पर कार्रवाई की जाती है। वर्ष 2023 में 4,861 वाहनों की जाँच की गई। पीयूसी फेल 1,175 वाहनों के विरुद्ध 1 करोड़ 17 लाख 50 हजार रुपया दंड लगाया गया है। वर्ष 2024 में जुलाई तक 1,375 वाहनों की जाँच की गई। पीयूसी फेल 203 वाहनों के विरुद्ध ़ 20 लाख 30 हजार रुपया दंड लगाया गया है। डीएम डॉ. सिंह ने जिला परिवहन पदाधिकारी को सघन अभियान चलाकर वाहनों के प्रदूषण अंडरकंट्रोल प्रमाण-पत्र की जाँच करने एवं कार्रवाई करने का निदेश दिया। अपर जिला दण्डाधिकारी (आपूर्ति) को पेट्रोल पंप का नियमित तौर पर औचक निरीक्षण कराने का निदेश दिया गया। जिला शिक्षा पदाधिकारी को विद्यालयों में जागरूकता अभियान चलाने का निदेश दिया गया ताकि बच्चों के माध्यम से समाज में पर्यावरण सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता प्रसारित की जा सके।
जिलाधिकारी डॉ. सिंह ने कहा कि पटना मेट्रो, पुल निर्माण निगम, बीएसआरडीसीएल एवं अन्य संबंधित एजेंसी वायु प्रदूषण नियंत्रण हेतु दिशा-निदेशों का अक्षरशः अनुपालन करें। निर्माण कार्यों के कारण धूल तथा पार्टिकुलेट मैटर में वृद्धि को रोकने के लिए निरोधात्मक तथा उपचारात्मक कार्रवाई करें। ग्रीन कवर लगाकर निर्माण कार्य किया जाए। खुले में निर्माण सामग्रियों का न ही परिवहन करें और न ही इसे सड़क पर खुले में रखें। जिलाधिकारी द्वारा सभी अनुमण्डल पदाधिकारियों को निदेश दिया गया कि निर्माण कार्यों में संलग्न कंपनियों तथा एजेंसियों से पर्यावरण मानकों का अनुपालन सुनिश्चित कराएं। उन्होंने निदेश दिया कि जो इसका उल्लंघन करते हैं उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई करें।
जिलाधिकारी द्वारा महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र को विभाग द्वारा निर्धारित प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित कराने का निदेश दिया गया। फ्लाई ऐश मैनेजमेंट तथा प्रदूषण नियंत्रण हेतु एनजीटी द्वारा जारी दिशा-निदेश के अनुरूप कार्य किया जाए। महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र को निदेश दिया गया कि किसी भी नए उद्योग को लाईसेंस देने से पूर्व बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से नियमानुसार अनापति प्रमाण पत्र लिया जाना सुनिश्चित की जाए। साथ ही उद्योगों को क्लीन ईंधन उपयोग करने हेतु प्रोत्साहित करने का निदेश दिया गया।
पटना शहर में वायु प्रदूषण में सड़क पर उड़ने वाले धूल का ज्यादा योगदान होता है। इसे रोकने हेतु पथ निर्माण विभाग को उनके क्षेत्राधिकार में पटना शहर के सभी सड़कों का निरीक्षण कर जरूरत के अनुसार मरम्मति करना सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।
जिलाधिकारी डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण हेतु अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन उपायों को लागू करना जनहित में आवश्यक है। हम सभी को पर्यावरण सुरक्षा हेतु प्रतिबद्धता एवं संवेदनशीलता प्रदर्शित करनी पड़ेगी।