Home Jharkhand जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के कक्षा दसवीं के छात्रों के लिए दयानंद प्रेक्षागृह में कैरियर काउंसलिंग का आयोजन हुआ।

जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के कक्षा दसवीं के छात्रों के लिए दयानंद प्रेक्षागृह में कैरियर काउंसलिंग का आयोजन हुआ।

by anmoladmin

Anmol24News -Ranchi 

दसवीं के छात्रों का कैरियर काउंसलिंग

छात्र जब 10वीं बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं, तो वे अपने भविष्य के लिए आकांक्षाएँ और महत्वाकांक्षा पालना शुरू कर देते हैं। लेकिन इस उम्र में छात्र उन सभी संभावित करियर पथों से अवगत नहीं हो पाते जो उनकी रुचि को एक सफल पेशे में बदलने में मदद करते हैं। इस उद्देश्य को समर्पित जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के कक्षा दसवीं के छात्रों के लिए दयानंद प्रेक्षागृह में कैरियर काउंसलिंग का आयोजन हुआ।

काउंसेलर श्रीमती श्रीलेखा मेनन ने दसवीं के छात्रों का मुख्य रूप से छात्रों की शैक्षिक योजनाओं, करियर की चिंता, स्ट्रीम और विषय चयन की दुविधाओं को लेकर कक्षा दसवीं के छात्रों का मार्गदर्शन किया गया। उन्होंने पूर्ववर्ती सफल छात्रों का उदाहरण देकर और कई ऑडियो और वीडियो के द्वारा बच्चों के मनोबल को बढ़ाया तथा परिश्रम और लगन से कार्य करने की प्रेरणा दी।

प्राचार्य श्री समरजीत जाना ने कहा कि भविष्य की भविष्यवाणी करने का सबसे अच्छा तरीका इसे बनाना है। कुछ छात्र सोचते हैं कि मुझे साइंस स्ट्रीम नहीं मिला तो मेरी ज़िंदगी बर्बाद हो गई। ऐसा सोचना गलत है। आप अपनी क्षमता और रुचि के अनुसार विषय का चयन करें। आज तो बहुत सारे छात्र आर्ट्स स्ट्रीम में जाकर यूपीएससी में अपना लोहा मनवा रहे हैं। क्लैट और कॉमर्स पढ़कर भी छात्र सफल होते हैं। क्रिकेटर विराट कोहली और पार्श्व गायिका लता मंगेशकर का उदाहरण देकर उन्होंने रुचि के अनुसार कैरियर का चुनाव करने का सलाह दिया।

शिक्षिका श्रीमती शालिनी सिंह ने छात्र के जीवन में अनुशासन का महत्त्व बताया साथ ही बड़ों या श्रेष्ठ जनों के आशीर्वाद के महत्त्व को भी समझाया।

प्रभाग प्रभारी श्री शीलेश्वर झा ‘सुशील’ ने कहा कि कैरियर परामर्शदाता आपके जीवन के क्षेत्र में परिवर्तनकारी सहायता प्रदान कर सकते हैं यदि आज दिए गए महत्त्वपूर्ण निर्देश को जीवन में आचरित करते हैं।

मौके पर कक्षा दसवीं के समस्त छात्र और वर्ग शिक्षक मौजूद थे। छात्रों भी यह समझने में कामयाब रहे कि हम सभी छात्रों में कई प्रतिभा छिपी है लेकिन हमें अपनी कमजोरियों को मजबूत कर, अपने संज्ञानात्मक बुद्धि की पहचान करनी होगी और तब अपने व्यक्तित्व का मूल्यांकन करके कैरियर विकल्पों और उच्च शिक्षा की ओर कदम बढ़ाना होगा।

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