Home Gaya बिहार विधानसभा उपचुनाव: PK ने बताया मुख्यमंत्री बनना नहीं है सपना, बोले – अपने जीवन काल में अगले 10 वर्ष में बिहार को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में देखना चाहते हैं

बिहार विधानसभा उपचुनाव: PK ने बताया मुख्यमंत्री बनना नहीं है सपना, बोले – अपने जीवन काल में अगले 10 वर्ष में बिहार को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में देखना चाहते हैं

by anmoladmin

Anmol24news गया : आगामी उपचुनाव के मद्देनजर, जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर लगातार आम जनता के बीच जाकर संवाद स्थापित कर रहे हैं। उनका उद्देश्य है कि अपने अनुभव के माध्यम से जनता को सही दिशा दिखाते हुए बिहार के विकास की राह को मजबूती प्रदान की जाए। इसी कड़ी में, सोमवार को प्रशांत किशोर ने गया के इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में एक जन संवाद का आयोजन किया, जिसमें क्षेत्र के लोगों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर उन्हें सुना।

जन सभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने जनता के कई सवालों का उत्तर दिया। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि कुछ लोग यह मानते हैं कि प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री बनने के लिए अच्छा बोल रहे हैं, परंतु उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ऐसा नहीं है। प्रशांत किशोर ने कहा, कुछ लोगों को लगता है कि हम यहां मुख्यमंत्री बनने आए हैं, लेकिन आप हमें नहीं जानते। मैं इतना छोटा सपना लेकर पैदा नहीं हुआ हूं। मैं मुख्यमंत्री बनने के लिए अपने शरीर को नहीं खपा रहा हूं। मेरा सपना है कि अपने जीवन काल में 10 वर्ष के अंदर ऐसा बिहार बने, जहां हरियाणा, पंजाब, गुजरात, और महाराष्ट्र से लोग रोजगार के लिए यहाँ आएं। तब हम मानेंगे कि बिहार में विकास हुआ है।

*लालू-नीतीश ने लोगों को जाति के आधार पर बांटकर राज किया, जबकि मोदी जी ने 5 किलो अनाज का लालच देकर आपसे आपका वोट लिया: प्रशांत किशोर*

प्रशांत किशोर ने गया में लालू-नीतीश-मोदी के शासन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पिछले 35 वर्षों में बिहार को जाति के आधार पर बांटकर लालू-नीतीश ने शासन किया और मोदी जी ने 5 किलो अनाज का लालच देकर आपसे आपका वोट लिया। बिहार में किस हद तक भ्रष्टाचार फैला है, यह बात इस बात से ज्ञात होती है कि 5 किलो अनाज में भी भ्रष्ट नेता और अधिकारी गरीब लोगों के 1 किलो के अधिकार छीन लेते हैं। इन सभी नेताओं को आपके बच्चों की शिक्षा और रोजगार की कोई चिंता नहीं है। इसलिए जब तक आप जाति और भात से बाहर नहीं निकलेंगे, तब तक आपकी गरीबी नहीं मिट सकती। जब तक आप वोट 5 किलो मुफ्त अनाज के लालच में देंगे तब तक आपके बच्चों को रोजगार नहीं मिल पाएगा।

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