Anmol24news -अररिया विश्व रक्तदान दिवस के मौके पर जिले में रक्तदान को बढ़ावा देने व साल में चार बार रक्तदान के लिए अररिया निवासी मो जावेद को राज्यस्तरीय सम्मान से सम्मानित किया गया। सदर अस्पताल परिसर स्थित ब्लड बैंक में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह, एमओ राजेश कुमार, डीपीएम संतोष कुमार द्वारा उन्हें प्रशस्ति पत्र व मुमेंटो देकर सम्मानित किया गया। मौके पर ब्लड बैंक के एलटी बादल कुमार, मदन लाल यादव, मो इस्माइल, टीपू कुमार मिश्रा, कॉनसेलर नितेश कुमार सहित अन्य मौजूद थे। विश्व रक्तदान दिवस के मौके पर जिले में विभिन्न जागरूकता संबंधी कार्यक्रम मध्यम से आम लोगों को स्वैच्छिक रक्तदान के लिए जागरूक किया गया। मौके पर एसएसबी 52 बटालियन मुख्यालय में आयोजित रक्तदान शिविर में कुल 28 यूनिट व ब्लड बैंक में आयोजित शिविर में 04 यूनिट ब्लड संग्रह किया गया।
रक्त का हर एक बूंद मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण
विश्व रक्तदान दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन विधानचंद्र सिंह ने कहा कि हमारे खून का हर एक बूंद बेहद कीमती है। हमारे शरीर में अगर प्रयाप्त खून ना हो तो ये महज एक कंकाल बन कर रह जायेगा। विभिन्न बीमारियों की चपेट में आकर हमारी जान भी जा सकती है। मुश्किल परिस्थितियों में खून की एक बूंद से किसी जरूरतमंद व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। वहीं समय पर ये उपलब्ध नहीं होने से उसको जान भी जा सकती है। जरूरतमंदों को समय पर प्रयाप्त रक्त उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वैच्छिक रक्तदान बेहद महत्वपूर्ण है। आम लोगों को इसके प्रति जागरूक करना विश्व रक्तदान दिवस का मुख्य उद्देश्य है।
स्वैच्छिक रक्तदान संबंधी गतिविधियों लें बढ़ चढ़ कर भाग
डीपीएम संतोष कुमार ने बताया कि इस वर्ष विश्व रक्तदान दिवस अपनी 20 वीं वर्षगांठ मना रहा है। इसलिए ये रक्तदान दिवस स्वैक्षिक रूप से रक्तदान करने वाले लोगों के सम्मान के प्रति समर्पित है। उन्होंने कहा कि 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। दान स्वरूप प्राप्त रक्त ब्लड बैंक में सुरक्षित रखा जाता है। जो सड़क दुर्घटना, एनीमिया, थैलेसीमिया, प्रसव संबंधी जटिलताओं सहित अन्य मुश्किल स्वास्थ्य परिस्थितियों का सामना कर रहे मरीजों को उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने बताया कि जरूरतमंदों को समय पर रक्त उपलब्ध कराने के लिए हर साल 1800 से 2400 यूनिट रक्त की जरूरत होती है। जबकि औसतन हर साल 800 से 1000 यूनिट ब्लड ही उपलब्ध हो पाता है। जरूरतमंदों को समय पर रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए आम जिलाविसायों को बढ़ चढ़ कर स्वैक्षिक रक्तदान संबंधी गतिविधियों में भाग लेने के अपील उन्होंने की।