Anmol24news-गया : बिहार में जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर आगामी उपचुनावों को लेकर पूरी शक्ति के साथ अपने उम्मीदवार के प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में वे लगातार जन सभाओं का आयोजन कर रहे हैं और जनता से संवाद कर उनकी समस्याओं और आकांक्षाओं को जान रहे हैं। उनके इस प्रयास में बड़ी संख्या में लोग उनके साथ जुड़ रहे हैं और हर सभा में आम जनमानस बड़ी संख्या में उपस्थित हो रहे हैं।
शुक्रवार को प्रशांत किशोर ने बेलागंज में एक जन संवाद का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए। जन संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने बेबाकी से जनता को असलियत दिखाते हुए बताया कि कैसे राजनीतिक नेताओं ने जनता को बार-बार वादे देकर उन्हें ठगा है। उन्होंने लालू यादव और नीतीश कुमार पर सीधा हमला करते हुए कहा कि ये लोग 35 वर्षों से बिहार की सत्ता में रहे, लेकिन बिहार के किसानों को खेती के लिए अब तक जमीन नहीं दी गई। इस मुद्दे पर वहां उपस्थित लोगों ने भी प्रशांत किशोर के विचारों का समर्थन किया और उनके साथ अपनी सहमति प्रकट की। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि बिहार में एक नई व्यवस्था बने, जो वास्तव में जनता की हितों को प्राथमिकता दे।
*अगर कोई वोट के लिए पैसा दे रहा है तो रख लीजिए वो आपका ही पैसा है जो नेताओं ने लुटा है, पैसा ले लीजिए लेकिन वोट अपने बच्चों के लिए दीजिए: प्रशांत किशोर*
इस दौरान प्रशांत किशोर ने स्पष्ट रूप से जनता से अपील की कि विपक्षी दलों द्वारा दिया गया पैसा लेने में कोई हर्ज नहीं है, क्योंकि वह जनता का ही पैसा है। लेकिन मतदान के समय जनता को अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा, विपक्ष आपको रुपए दे तो उसे ले लीजिए, लेकिन वोट के दिन अंदर जाकर जन सुराज के पक्ष में वोट दीजिए। पैसा कोई 500 देगा, कोई 2000 देगा, लेकिन ये पैसा आम जनता का ही है, जो इंद्र आवास, राशन कार्ड और अन्य योजनाओं में घूस के रूप में लिया गया है। उन्होंने कहा कि नेताओं ने जनता का पैसा 5 वर्षों तक लूटा है और अब चुनाव में उसी पैसे में से थोड़ी-बहुत राशि देकर वोट खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने जनता से कहा कि ये अवसर है उन नेताओं को सबक सिखाने का, जिन्होंने जनता के विश्वास का दुरुपयोग किया। उन्होंने सभी से जन सुराज के समर्थन में मतदान करने का आह्वान किया और जनता को आश्वस्त किया कि एक नई व्यवस्था और सुशासन की शुरुआत केवल जनता के मजबूत निर्णय से ही संभव है।