Anmol24News मधेपुरा : आज स्थानीय चित्रगुप्त सामुदायिक भवन ,लक्ष्मीपुर मोहल्ला मधेपुरा में धूम धाम से चित्रगुप्त पूजनोत्सव मनाया गया। जिसमें नगर के चित्रांश ने भाग लिया। इस अवसर परसमिति के संयुक्त सचिव अशोक कुमार सिन्हा ने चित्रगुप्त महाराज के साथ ही कायस्थ की उत्पति के संबंध में विस्तार से बताए कि भगवान चित्रगुप्त परमपिता ब्रह्मा जी के अंश से उत्पन्न हुए हैं और यमराज के सहयोगी हैं। इनकी कथा इस प्रकार है कि सृष्टि के निर्माण के उद्देश्य से जब भगवान विष्णु ने अपनी योग माया से सृष्टि की कल्पना की तो उनकी नाभि से एक कमल निकला जिस पर एक पुरूष आसीन था चुंकि इनकी उत्पत्ति ब्रह्माण्ड की रचना और सृष्टि के निर्माण के उद्देश्य से हुआ था अत: ये ब्रह्मा कहलाये। इन्होंने सृष्ट की रचना के क्रम में देव-असुर, गंधर्व, अप्सरा, स्त्री-पुरूष पशु-पक्षी को जन्म दिया। इसी क्रम में यमराज का भी जन्म हुआ जिन्हें धर्मराज की संज्ञा प्राप्त हुई क्योंकि धर्मानुसार उन्हें जीवों को सजा देने का कार्य प्राप्त हुआ था। धर्मराज ने जब एक योग्य सहयोगी की मांग ब्रह्मा जी से की तो ब्रह्मा जी ध्यानलीन हो गये और एक हजार वर्ष की तपस्या के बाद एक पुरूष उत्पन्न हुआ। चित्रगुप्त भगवान जिन्हें वेदों में परब्रह्म बताया गया in उनका जन्म ब्रह्मा जी की काया से हुआ था अत: ये कायस्थ कहलाये और इनका नाम चित्रगुप्त पड़ा। मोके गोपाल प्रसाद श्रीवास्तव,लक्ष्मण कुमार सिन्हा,रंजन कुमार सिन्हा, प्रदीप श्रीवास्तव, आयुष कुमार, दीपक कुमार टीकू,चीकू जी, मनीष कुमार, अशोक कर्ण ,नीरज कुमार, विजय शंकर प्रसाद, अंजू सिन्हा,आदेश शंकर, विनय सिंह, सुनील श्रीवास्तव,सब्जी कुमार बबलू,आनंद श्रीवास्तव, अरविंद श्रीवास्तव,आदर्श शंकर,जीसी सिन्हा, राज प्रकाश सिन्हा,मणिभूषण वर्मा,अजीत सिन्हा, अजय सहाय, विनोद प्रसाद वर्मा,स्नेहिल वर्मा, आदि ने भाग लिया। इस दौरान पूजा पुरोहित मिथिलेश झा के मंत्रोच्चारण के साथ किया गया यजमान में कौशल कुमार सिन्हा थे सहित कई लोग उपस्थित थे।