Home राज्यबिहारअररिया जीरो डोज टीकाकरण के सफल क्रियान्वयन को लेकर कार्यशाला आयोजित

जीरो डोज टीकाकरण के सफल क्रियान्वयन को लेकर कार्यशाला आयोजित

by anmoladmin

Anmol24news-अररिया, 22 जुलाई टीकाकरण बच्चों को विभिन्न संक्रामक रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है। जागरूकता की कमी सहित अन्य कारणों से अभी भी कुछ बच्चे इसके लाभ से वंचित हो रहे हैं। शून्य खुराक वाले बच्चों की बढ़ती विभाग के लिये चिंताजनक है। इस पर प्रभावी नियंत्रण के उद्देश्य से सोमवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। जिला स्वास्थ्य समिति सभागार में आयोजित कार्यशाला में जीरो डोज मामलों सुधार, यू-विन पोर्टल के सफल क्रियान्वयन व नियमित टीकाकरण के आच्छादन को अधिक प्रभावी बनाने की रणनीति पर विचार किया गया। कार्यशाला में डीआईओ डॉ मोईज, डीपीएम संतोष कुमार, यूएनडीपी के वीसीसीएम शकील आजम, यूनिसेफ के एसएमसी आदित्य कुमार, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ शुभान अली, डब्ल्यूएचओ के आरआरटी डॉ जुनैद शफात, डीसीएम सौरव कुमार, मजहर सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद थे। कार्यशाला में सभी प्रखंड के बीसीएम, बीएमएनई, एएनएम, आशा फैसिलिटेटर सहित अन्य ने भाग लिया।

जीरो डोज को नियंत्रित करने के प्रति विभाग गंभीर

सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बताया कि पूरी तरह टीकाकरण से वंचित बच्चों को शून्य खुराक बच्चे कहा जाता है। एक साल तक के वैसे बच्चे जिन्हें पेंटा-1 का खुराक नहीं पड़ा हो। जीरो डोज बच्चे कहलाते हैं। उन्होंने कहा कि टीका खसरा, पोलियो, काली खांसी जैसी बीमारियों के खिलाफ बच्चों को महत्वपूर्ण प्रतिरक्षा प्रदान करता है। जो शिशुओं को कई जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करती है। जानकारी की कमी व जागरूकता का अभाव, टीकाकरण को लेकर समुदाय में व्याप्त गलत धारणाएं व टीकाकरण संबंधी सेवाओं तक लोगों की पहुंच इसके लिये मुख्य तौर पर जिम्मेदार होता है। ऐसे सभी संभावित कारणों को चिह्नित करते हुए उन्होंने जीरो डोज मामलों में कमी लाने का निर्देश संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया।

एएनएम व आशा की सक्रिय भागीदारी से जीरो डोज में कमी संभव
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोईज ने कहा कि जीरो डोज मामलों में कमी लाने में जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लोगों को मुहैया कराने के लिये जिम्मेदार एएनएम व आशा कर्मियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उनकी सक्रियता से जीरो डोज मामलों को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण संबंधी जानकारी तत्काल यू-विन पोर्टल पर अपलोड किये जाने से वंचित लाभुकों की पहचान आसान होगा। इससे वंचितों को टीकाकृत करना आसान होगा।

सामुदायिक जागरूकता सहित अन्य पहल जरूरी
डब्ल्यूएचओ के एसएमसी डॉ शुभान अली ने बताया कि सामुदायिक जागरूकता, विभिन्न स्तरों अस्थाई टीकाकरण कैंप का आयोजन, घर-घर वैक्सीनेशन कार्यक्रम का संचालन जीरो डोज मामलों में कमी लाने में सहायक हो सकता है। यूएनडीपी के वीसीसीएम शकील आजम ने बताया कि जीरो डोज मामलों को नियंत्रित करने के लिये टीकाकर्मी के पास इससे संबंधित सही व सटीक जानकारी होना जरूरी है। ताकि वे समुदाय में जाकर लोगों को इसके महत्व के प्रति जागरूक कर सकें। इसके अलावा आंकड़ों का सही व सटीक संग्रहण व इसका विश्लेषण जरूरतमंद क्षेत्रों की पहचान के लिये बेहद जरूरी है।

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