मैट्रिक परीक्षा में 82.9% परीक्षार्थी हुए पास पूर्णिया के शिवांकर बने बिहार टॉपर और समस्तीपुर के आदर्श सेकेंड टॉपर टॉप-10 में सिमुलतला आवासीय स्कूल के 6 छात्र ने बनायी जगह

Anmol24News -मैट्रिक परीक्षा में 82.9% परीक्षार्थी हुए पास पूर्णिया के शिवांकर बने बिहार टॉपर और समस्तीपुर के आदर्श सेकेंड टॉपर टॉप-10 में सिमुलतला आवासीय स्कूल के 6 छात्र ने बनायी जगह पटना। रविवार को बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। इस बार 82.91% परीक्षार्थी पास हुए हैं। पिछली बार से 1.87 फीसदी छात्र ज्यादा पास हुए हैं। इस बार 4 लाख से ज्यादा छात्र फर्स्ट डिवीजन से, जबकि पांच लाख से ज्यादा छात्र सेकेंड डिवीजन से पास हुए हैं। पिछले 6 सालों में इस बार का सबसे बेहतर रिजल्ट रहा है। बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने मैट्रिक के नतीजे जारी करने के बाद बताया कि पूर्णिया के शिवांकर प्रदेश टॉपर हैं। इन्हें 500 में से 489 अंक मिले हैं, जबकि समस्तीपुर के आदर्श सेकेंड टॉपर (488) हैं। थर्ड टॉपर जमुई के आदित्य कुमार, मधुबनी के सुमन कुमार पूर्वे, सारण की पलक कुमारी और वैशाली की साजिया परवीन हैं। चारों को 486 नंबर मिले हैं। इस साल टॉप-10 में रहे 51 बच्चों में 6 जमुई से सिमुलतला आवासीय स्कूल से हैं। टॉप 10 में 51 स्टूडेंट्स : 10वीं की रिजल्ट में इस बार टॉप 10 में 51 स्टूडेंट्स शामिल हैं। वहीं, टॉप 5 में दस छात्र-छात्राओं के नाम हैं। 51 बच्चों में 6 जमुई से सिमुलतला आवासीय स्कूल से हैं। इनमें सबसे पहला नाम थर्ड टॉपर रहे आदित्य कुमार का है। इसके बाद छठे नंबर पर विक्की कुमार, 9वें नंबर पर मित्तल कुमार, अमन कुमार, 10वें नंबर पर विक्की कुमार, सावन कुमार हैं। बता दें इस साल दसवीं बोर्ड परीक्षा में कुल 16.94 लाख स्टूडेंट ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें से 15 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं परीक्षा में शामिल हुए थे। टॉप 10 को मिलेगा कैश प्राइज और लैपटॉप : टॉप 10 रैंक तक के छात्र को कैश प्राइज और लैपटॉप दिया जाएगा। फर्स्ट रैंक को 1 लाख रुपए, सेकंड रैंक को 75 हजार रुपए और थर्ड रैंक को 50 हजार रुपए के साथ लैपटॉप और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। इसके अलावा टॉप 20 स्टूडेंट्स को खएए, नीट के लिए फ्री कोचिंग भी दी जाएगी। 7 अप्रैल को काउंसलिंग के दिन इसकी जानकारी दी जाएगी। 84.45 फीसदी छात्र रहे सफल : इस बार छात्रों का रिजल्ट बेहतर रहा है। सफल छात्रों का प्रतिशत 84.45 रहा, जबकि 81.45 फीसदी छात्राएं सफल रहीं। मैट्रिक की परीक्षा में 8 लाख 58 हजार 785 छात्राएं शामिल हुईं थी। जिनमें 6 लाख 99 हजार 549 यानी 81.45 फीसदी सफल रहीं। वहीं छात्रों की संख्या- 8 लाख 5 हजार 467 थी। जिनमें 6 लाख 80 हजार 293 यानी 84.45% सफल रहे। इस बार छात्रों से ज्यादा छात्राओं ने दी थी परीक्षा : मैट्रिक परीक्षा में छात्राओं की संख्या छात्रों से ज्यादा थी। 8 लाख 58 हजार 785 छात्राएं परीक्षा में शामिल हुईं। वहीं छात्रों की संख्या 8 लाख 5 हजार 467 थी। जिनमें से 6,80,293 छात्र सफल रहे। वहीं सफल छात्राओं की संख्या 6,99549 रहीं।

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